सीएम योगी पर ओवैसी का पलटवार, कहा- काम किया होता तो ‘अब्बा-अब्बा’ न चिल्लाना पड़ता…
2022 में यूपी विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। सीएम योगी आदित्यानाथ के ‘अब्बा जान’ वाले बयान पर हंगामा मचा हुआ है। इस बयान को लेकर लगातार विपक्षी दल सीएम योगी को घेर रहे हैं।
अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी योगी आदित्यनाथ के बयान पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अगर काम किया होता तो ‘अब्बा-अब्बा’ न चिल्लाना पड़ता।
क्या कहा था सीएम योगी ने ?
दरअसल रविवार को कुशीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी (सपा) सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बिना नाम लिए हुए उनपर तुष्टिकरण करने का आरोप लगाते हुए अब्बा जान कहकर निशाना साधा।
यूपी सीएम योगी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बिना नाम लिए हुए कहा कि आज सबको राशन मिल रहा है? क्या 2017 से पहले भी मिलता था? तब तो अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे।
सीएम योगी ने कहा कि तब कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश पहुंच जाता था। आज अगर कोई गरीबों का राशन निगलेगा तो जेल जाएगा।
ओवैसी ने साधा निशाना-
इसके बाद ओवैसी ने ट्वीट कर योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने योगी सरकार की खामियां गिनाई। सीएम योगी के अब्बा जान वाला वीडियो को रिट्वीट कर ओवैसे ने लिखा कि कैसा तुष्टिकरण?
ओवैसी ने लिखा, ‘प्रदेश के मुसलमानों की साक्षरता-दर सबसे कम है, मुस्लिम बच्चों का Dropout rate सबसे ज़्यादा है। मुस्लिम इलाक़ों में स्कूल-कॉलेज नहीं खोले जाते।अल्पसंख्यकों के विकास के लिए केंद्र सरकार से बाबा की सरकार को ₹16207 लाख मिले थे, बाबा ने सिर्फ ₹1602 लाख खर्च किया।’
2017-18 में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत मात्र 10 मुसलमानों को घर मिले।”अब्बा” के बहाने किसके वोटों का पुष्टिकरण हो रहा है बाबा? देश के 9 लाख बच्चे गंभीर तौर पर कुपोषित हैं, जिसमें से 4 लाख बच्चे सिर्फ़ उ.प्र से हैं। 2/
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 13, 2021
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘2017-18 में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत मात्र 10 मुसलमानों को घर मिले।”अब्बा” के बहाने किसके वोटों का पुष्टिकरण हो रहा है बाबा? देश के 9 लाख बच्चे गंभीर तौर पर कुपोषित हैं, जिसमें से 4 लाख बच्चे सिर्फ़ उ.प्र से हैं।’
ग्रामीण उत्तर प्रदेश में 13944 sub-centres की कमी है, 2936 PHC की कमी है, 53% CHC की कमी है। केंद्र सरकार के मुताबिक़ बाबा-राज में उ.प्र के PHC में सबसे कम डॉक्टर मौजूद हैं। कुल 2277 डाक्टरों की कमी है। अगर काम किए होते तो “अब्बा, अब्बा” चिल्लाना नहीं पड़ता। 3/
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 13, 2021
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