road accident में चली गई इकलौते बेटे की जान, दो साथी घायल

कैंट स्टेशन के सामने फ्लाईओवर पर हुई दुर्घटना

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वाराणसी के सिगरा थाना क्षेत्र के चंदुआ छित्तूपुर के रहनेवाले बीए के छात्र की रविवार की रात सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. वह शादी समारोह से लौट रहा था और परिवार का इकलौता पुत्र था. उसके निधन से परिवार में कोहराम मच गया है.

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छित्तूपुर के बीए प्रथम वर्ष के छात्र 19 वर्षीय हेमंत वर्मा के पिता संजय वर्मा की शिवपुर क्षेत्र में बीयर की दुकान है. वह रविवार की शाम अपने दोस्तों के साथ इंग्लिशिया लाईन स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी इंटरकालेज के पास दोस्त की बहन की शादी में गया था. रात करीब दस बजे वह एक ही बाइक पर दो दोस्तों के साथ घर लौट रहा था. इसी दौरान कैंट स्टेशन के सामने फ्लाईओवर पर चार पहिया वाहन की चपेट में आ गया. बाइक सवार उसके दो साथी जय और विकास घायल हो गये.

पुलिस ने दी परिवारवालों को सूचना

दुर्घटना की सूचना पर सिगरा पुलिस पहुंची. घायलों को अस्पताल भेजा गया. उधर, पुलिस ने मोबाइल फोन से परिवारवालों को दुर्घटना की सूचना दी. कुछ देर बाद पिता और आसपास के लोग पहुंचे. बेटे को मृत देख पिता की हालत बदहवासों जैसी हो गई. उधर, मां और बहन का रो-रोकर बुरा हाल था. बाद में पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

 

अरेस्ट वारंट रूकवाने का झांसा देकर साढ़े सात लाख की ठगी

वाराणसी के जवाहर नगर एक्सटेंशन निवासी योगेंद्र वाजपेयी को अरेस्ट वारंट रुकवाने का झांसा देकर जालसाजों साढ़े सात लाख रुपये ठग लिये. भुक्तभोगी की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

योगेंद्र वाजपेयी के अनुसार 19 फरवरी को उन्हें फोन आया. फोन करने वाले ने अपने को टेलीकॉम डिपार्टमेंट का वरुण कुमार बताया. कहा कि आपके मोबाइल से कनेक्ट आधार कार्ड को ब्लाक कर दिया जाएगा. आपके खिलाफ मुंबई में मुकदमा दर्ज है.यदि आप चाहें तो आपकी बात मुंबई के संबंधित थाने से करा सकते हैं. योगेंद्र वाजपेयी ने बात करने को कहा तो वरुण ने विनोद और आकश कुलहरी से बात कराई. उन दोनों लोगों ने गिरफ्तारी की धमकी दी. कहा कि यदि अरेस्ट वारंट रुकवाना हो तो सुप्रीम कोर्ट के रिकवरी अकाउंट में तत्काल साढ़े सात लाख रुपये जमा कर दो. उन्होंने एक बैंक एकाउंट नम्बर दिया. दोनों के झांसे में आकर योगेंद्र ने साढ़े सात लाख रुपये ट्रांसफर कर दिये. इसके बाद भी दोनों योंगेद्र से बात करते रहे. तब जाकर योगेंद्र को शक हुआ कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हो गया. इसके बाद योगेंद्र ने मुकदमा दर्ज कराया.

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