अक्सर टीवी पर डिबेट के दौरान कांग्रेस का पक्ष रखने वाले वाले गौरव वल्लभ ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता हासिल कर ली है. बता दें कि उन्होंने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था. इस्तीफा देने का कारण देते हुए उन्होंने कहा था कि वह पार्टी में असहज महसूस कर रहे थे. भाजपा में शामिल हो चुके नेता ने अपने को सनातनी बताते हुए कहा कि वह सनातनी विरोध नारे नहीं लगा सकते हैं. कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि नए विचारों की पार्टी में कोई जगह नहीं है.
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कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिख दिया इस्तीफा
कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि वह भावुक हैं. मन व्यथित है. काफी कुछ कहना चाहता हैं, लिखना चाहता हैं, बताना चाहता हैं. लेकिन, मेरे संस्कार ऐसा कुछ भी कहने से मना करते हैं, जिससे दूसरों को कष्ट पहुंचे. फिर भी वह आज अपनी बातों को समक्ष रख रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि सच को छुपाना भी अपराध है, और वह अपराध का भागी नहीं बनना चाहते.
कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है,उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा.मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता.इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहाहूं pic.twitter.com/Xp9nFO80I6
— Prof. Gourav Vallabh (@GouravVallabh) April 4, 2024
संबित पात्रा से पूछा था एक ट्रिलियन में होंगे कितने जीरो
गौरव वल्लभ कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता के रूप में ज्यादा चर्चित हुए. एक टीवी बहस के जरिए उनकी लोकप्रियता तब काफी बढ़ गई थी जब उन्होने संबित पात्रा से एक ट्रिलियन में कितने जीरो का प्रश्न पूछ लिया था. बता दें कि उन दिनों देश के पीएम मोदी भारत को 5 ट्रिलियन की इकोनोमी बनाने की बात करते थे. इसी विषय पर बहस के दौरान संबित पात्रा सरकार का पक्ष रखते हुए 5 ट्रिलियन इकोनोमी का बात कर रहे थे. इसी दौरान गौरव वल्लभ के सवाल ने उन्हें निरुत्तर कर दिया था. उनके इस क्लिप को सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया गया था.
जानें कौन हैं गौरव वल्लभ..
राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले गौरव कॉलेज में गोल्ड मेडलिस्ट थे. वह कॉलेज के दिनों से ही वाद-विवाद में सबसे आगे रहते थे. वह जमशेदपुर के XLRI कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर भी रहे हैं. वहीं इनके तार्किक स्वभाव के कारण इनको कांग्रेस ने शामिल कर लिया. उनके राजनीतिक करियर की बात करे तो वह साल 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट से उदयपुर से उम्मीदवार थे. हालांकि चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इससे पहले वह झारखंड के जमशेदपुर से भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन वहां भी जीतने में वह असफल रहे थे.