गाड़ियों जितना प्रदूषण फैलाते हैं साबुन, डिओ

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एक ओर साबुन, डिओडरेंट और परफ्यूम जहां हमें सुगंध देते हैं तो दूसरी ओर यह हवा को भी प्रदूषित करते हैं। आज के समय में जितना कार और ट्रक से निकला धुआं हवा को प्रदूषित करता है, उतना ही प्रदूषण साबुन, डिओडरेंट और परफ्यूम से भी फैलता है। इस बात का खुलासा एक स्टडी में हुआ है जो ‘साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित हुई है।

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शोधकर्ताओं ने स्टडी के दौरान पाया कि परफ्यूम्स, पेंट्स और अन्य कन्ज्यूमर प्रॉडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोलियम आधारित केमिकल्स वोलाटाइल ऑर्गैनिक कंपाउंड्स (वीओसी) छोड़ते हैं जो हवा को प्रदूषित करता है। हवा में मौजूद अन्य कणों के साथ मिलकर वीओसी स्मॉग का निर्माण करता है जिससे दमा की समस्या पैदा हो सकती है और इससे फेफड़े भी स्थायी रूप से संक्रमित हो सकते हैं।

आने वाले प्रॉडक्ट्स ज्यादा खतरनाक साबित हो रहे हैं

इस वीओसी में पीएम2.5 नाम का कण भी होता है जिसकी वजह से हार्ट अटैक, आघात और फेफड़े का कैंसर हो सकता है। आमतौर पर स्मॉग गाड़ियों के कारण बनता है लेकिन साल 1970 से रेग्युलेटर्स ने गाड़ी निर्माता कंपनियों पर वैसी तकनीक अपनाने के लिए दबाव बनाया है जिससे वीओसी का उत्सर्जन कम हो। इससे गाड़ियों से निकलने वाले वीओसी की मात्रा में कमी आई है। लेकिन हमारे रोजाना के इस्तेमाल में आने वाले प्रॉडक्ट्स ज्यादा खतरनाक साबित हो रहे हैं।

NBT

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