सीतापुर में प्रशासन ने जारी किया एलर्ट, बच्चों का सड़क पर निकलना बैन
यूपी का सीतापुर इन दिनों कुत्तों के खौफ के साये में है। रविवार को एक और बच्ची को कुत्तों ने अपना शिकार बना लिया। इसके बाद से प्रशासन ने इलाके में बच्चों का सड़क पर निकलना बंद कर दिया है। आपको बता दें कि कल दस साल की मासूम बच्ची को कुत्तों ने हमला करके अपना शिकार बना लिया था। इसके बाद प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए बच्चों को सड़क पर अकेले न निकलने देने की हिदायत दी है।
बच्चे को आदमखोर कुत्तों ने मार डाला
कुत्तों के हमले में नवंबर 2017 से लेकर अब तक 13 बच्चों की मौत हो चुकी है। 1 मई तक सात बच्चे घायल हो चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सीतापुर पहुंचे थे और मृत बच्चों के परिवारों से मिले थे। उनके जाने के 48 घंटे के अंदर ही एक और बच्चे को आदमखोर कुत्तों ने मार डाला।
कुत्तों के झुंड ने बच्चियों पर हमला किया
डीएम शीतल वर्मा ने बताया कि ब्लॉक डिवेलपमेंट ऑफिसर, ग्राम प्रधान, लेखपाल, डॉक्टर्स, टीचर्स और कोटेदारों की समितियां बनाई गई हैं। उन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि कोई भी बच्चा बिना घर के बड़ों के साथ अकेले नहीं निकलेगा। सिटी मैजिस्ट्रेट हर्ष देव पाण्डेय ने बताया कि घटना खैराबाद थानांतर्गत महेशपुर-चिल्लावर गांव में हुई। यहां रविवार की सुबह 10 वर्षीय बच्ची रीना तीन सहेलियों के साथ आम बीनने गई थी। कुत्तों के झुंड ने बच्चियों पर हमला किया।
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कुत्तों का हमला होते ही अन्य तीन बच्चियां वहां से भाग गईं जबकि रीना कुत्तों के हमले का शिकार हो गई। शोर सुनकर मौके पर पहुंचे गांववालों ने रीना को अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। गुस्साए गांव वालों ने एनएच 24 पर बच्ची का शव रखकर जाम लगा दिया। पुलिस ने गन्ने पटकर लोगों को हाइवे से खदेड़ा। रीना के चाचा करन ने कहा कि एक के बाद एक बच्चे मारे जा रहे हैं और जिला प्रशासन कुछ नहीं कर पा रहा है।
गांव में निगरानी के लिए टीमें भेज दी गई हैं
वे लोग कानून हाथ में लेकर कुत्तों को मारने के लिए मजबूर हैं। सीतापुर एसपी सुरेशराव ए कुलकर्णी ने बताया कि गांव में निगरानी के लिए टीमें भेज दी गई हैं। भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि कुत्ते आदमखोर हो गए हैं इसलिए लोगों पर हमला कर रहे हैं। शायद उन लोगों को खाने के लिए मीट नहीं मिल पा रहा है इसलिए इंसानों को शिकार बना रहे हैं। उन लोगों ने कुत्तों के शरीर, सलीवा और दांतों के सैंपल लिए हैं ताकि अध्ययन किया जा सके।
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