18वीं लोकसभा के नए स्पीकर बने ओम बिड़ला …

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आज यानी बुधवार को संसद सत्र के तीसरे दिन लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव संपन्न हो गया है. इसके साथ ही ओम बिड़ला ने इस चुनाव में जीत हासिल करके दूसरी बार स्पीकर पद पर आसीन हुए है. इस चुनाव में उनका मुकाबला विपक्ष दल कांग्रेस के उम्मीदवार के. सुरेश था. ओम बिरला बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और 17वीं लोकसभा में स्पीकर रहे हैं. वह उस समय निर्विरोध चुने गए थे, उन्हें एनडीए ने फिर से उम्मीदवार बनाया है.

इसके साथ ही वह तीसरी बार राजस्थान की कोटा-बूंदी सीट से सांसद चुने गए है. इसके साथ ही स्पीकर चुनाव में जीत हासिल करके ओम बिरला ने इतिहास रच दिया है, क्योंकि देश की इतिहास में अब तक कोई भी सांसद लगातार दो कार्यकाल में स्पीकर पद पर नहीं रहा है. उन्होने विपक्ष के उम्मीदवार के सुरेश को मात दी है. हालांकि, संख्यात्मक तौर पर इनकी जीत तय ही थी,लेकिन यह चुनाव विपक्ष की मांग पर औपचारिकता मात्र था. ऐसे में आज हम आपकों दूसरी बार स्पीकर बनकर इतिहास रचने वाले ओम बिरला के बारे में बताने जा रहे है….

कोटा से तीन बार चुने गए सांसद

राजस्थान से आने वाले ओम बिरला कोटा लोकसभा सीट बूंदी तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीतकर आए है, इस चुनाव में उन्होने बीजेपी से बागी होकर कांग्रेस में गए पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजन को 41974 मतों से मात दी है और तीसरी बार सांसद चुने गए है. आएसएस के गढ़ कोटा में बीजेपी ने फिर से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर भरोसा जताया था, जिसे उन्होने बरकरार रखा है. वह कोटा के इतिहास में वैद्य दाऊदयाल जोशी के बाद लगातार तीन बार विधानसभा और लोकसभा चुनाव जीतने वाले पहले नेता भी है.

कैसा रहा राजनीतिक कैरियर

साल 2003 से शुरू हुआ ओम बिरला की जीत का सिलसिला आज भी जारी है, उन्होंने 2003 में कोटा के पहले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. जिसके बाद साल 2008 में उन्होंने कोटा दक्षिण से कांग्रेस नेता शांति धारीवाल को हराया था. इसके बाद साल 2013 में उन्होंने कोटा दक्षिण सीट से तीसरी बार चुनाव में जीत हासिल की थी, लेकिन 2014 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था. तब से लेकर अब तक यानी 2019 और 2024 में जीत ही मिली है. साल 2019 में बीजेपी ने उनको स्पीकर बनाया, तो सब हैरान थे. लेकिन जब किसी भी संसदीय अनुभव न होने के बावजूद भी ओम बिरला ने जिस तरह से ओम बिरला ने सदन को संचालित किया, उसके लिए वे तारीख के पात्र है. यही वजह रही है कि, दूसरी बार भी उन्हें स्पीकर चुना गया है.

ओम बिरला का निजी जीवन

23 नवंबर 1962 को राजस्थान के कोटा में ओम बिरला का जन्म हुआ था. उनके पिता श्रीकृष्ण बिरला था और माता श्रीमती शकुन्तला देवी थी. उन्होंने 11 मार्च 1991 को डॉक्टर अमिता बिरला से शादी की थी, जिनसे उन्हे दो बेटियां आकांक्षा और अंजलि बिरला हैं. वही शिक्षा की बात करें तो, ओम बिरला ने 1986 में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से एम.कॉम. किया था.

किन पदों पर आसीन रह चुके है ओम बिरला ?

19 जून 2019 को वह सर्वसम्मति से 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष निर्वाचित किए गए.साल 2019 में वह 17वीं लोकसभा में कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र से सासंद चुने गए. साल 2014 में 16वीं लोकसभा में भी वह कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए. साल 2003, 2008 और 2013 में राजस्थान विधानसभा में वह कोटा और कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार विधायक चुने गए.साल 2009-10 में वह राजकीय उपक्रम समिति के सदस्य और सामान्य प्रयोजनों संबधी समिति के सदस्य रहे. 1997-2003 तक वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे.

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1993-1997 तक वे भारतीय जनता युवा मोर्चा राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष रहे थे. वह 1987 से 1991 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा कोटा का जिलाध्यक्ष रहे, वही साल 2002 से 2004 तक वह नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लि. का उपाध्यक्ष चुना गया था. वही 1992 से 2004 तक वह नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लि. का डायरेक्टर रहे. 1992-1995 तक वह राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लि, जयपुर का अध्यक्ष बनाया गया था. वह 1987 से 1995 तक कोटा सहकारी उपभोक्ता होलसेल भण्डार लि. का अध्यक्ष थे, वह 1978 से 1979 तक गुमानपुरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोटा के छात्र संघ का अध्यक्ष रहे थे.

 

 

 

 

 

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