‘अब मुसलमानों को सोच-समझकर ही टिकट देंगे…’- मायावती
लोकसभा चुनाव में भारी नुकसान पर मायावती ने दी प्रतिक्रिया
लोकसभा चुनाव 2024 के कल घोषित हुए नतीजों में भारी उलफेर देखने को मिला है, जहां एक तरफ 16 वीं और 17 वीं लोकसभा चुनावों में पूर्णबहुमत से आने वाली भाजपा 18 वीं लोकसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल करने में नाकाम रही है. वहीं अकेले दम पर चुनावी घमासान में उतरने वाली बहुजन समाज पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल सकी, जिसकी वजह से बसपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. वही इंडिया गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरने वाली सपा ने यूपी में सराहनीय प्रदर्शन किया है और इसके साथ ही सपा यूपी की सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है.
ऐसे में भारी नुकसान के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी इस हार पर पहली प्रतिक्रिया दी है. इसमें उन्होने कहा है कि, ”बसपा द्वारा उचित प्रतिनिधित्व देने के बाद भी मुस्लिम समाज ने हमारा साथ नहीं दिया. ऐसी स्थिति में आगे इनको काफी सोच समझकर ही मौका दिया जाएगा. चुनाव में हुए नुकसान पर हम गहन विश्लेषण करेंगे और देश के करोड़ों, गरीबों, दलितों, शोषितों, आदिवासियों, पिछड़ों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए काम करते रहेंगे जिससे उनकी सुरक्षा व सम्मान पर मंडराता खतरा दूर हो.”
बसपा ने हासिल की 0 सीट
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस बार लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ने का निर्णय लिया था, बीते मंगलवार को घोषित हुए परिणामों के अनुसार, बसपा को राज्य की 80 सीटों में से एक भी सीट पर जीत नहीं मिली है. वही यूपी में भाजपा ने 33 सीट, सपा ने 37 सीट, कांग्रेस ने 6 सीट, रालोद ने 2 सीट, आजाद समाज पार्टी ने 1 सीट और अपना दल (एस) ने 1 सीट पर जीत हासिल की है. आपको बता दें कि, बसपा को साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी एक भी सीट नहीं मिली थी, साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. हालाँकि, उस समय सपा, बसपा और रालोद ने मिलकर काम किया था.
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कम चरणों में होना चाहिए चुनाव- मायावती
ढाई महीने में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव पर भी बोलते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि, ”हमारी पार्टी का शुरू से ही ये मानना रहा है कि चुनाव बहुत लंबा नहीं होना चाहिए. इसे तीन से चार चरणों में ही पूरा हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि, इस बार का चुनाव जोरदार गर्मी की तपिश से प्रभावित रहा जिससे लोगों के उत्साह पर भी फर्क पड़ा है. ऐसे मे यह उम्मीद की जाती है कि लोकतंत्र व आमजन के व्यापक हित के मद्देनजर, आगे चुनाव कराते समय चुनाव आयोग द्वारा लोगों की इन खास परेशानियों को जरूर ध्यान में रखा जाएगा.”