अब धारा 302 नहीं 103 कहें जनाब…बदले गए कानून में हुए ये बदलाव…

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देश में आज यानि 1 जुलाई से नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं. मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में पारित यह कानून आज से लागू कर दिए गए हैं. कानून में बदलाव के तहत IPC की जगह BNS ( भारतीय न्याय संहिता), CRPC की जगह BNSS ( भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता ) और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह BSS ( भारतीय साक्ष्य अधिनियम) को लागू कर दिया गया है.

बता दें कि वैसे तो इन कानूनों में छोटे- छोटे बदलाव किये गए हैं लेकिन एक अहम् मुद्दा आतंकवाद का है. इसकी वजह यह थी कि IPC में आतंकवाद को लेकर कोई स्पष्ट परिभाषा थी ही नहीं, जबकि नए कानून BNS ( भारतीय न्याय संहिता) में आतंकवाद को विस्तार से परिभाषित किया गया है. इसमें कहा गया है कि जो भी व्यक्ति देश (भारत) की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं उन्हें इस श्रेणी में रखा जाएगा.

विदेशों में हमला आतंकवाद की श्रेणी में…

भारतीय न्याय संहिता की धारा 113 में आतंकवाद को लेकर कहा गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति बाहर किसी दूसरे देश में भारत की किसी भी संपत्ति को नुकसान पहुंचता है तो उसे भी इसी श्रेणी में रखा जाएगा. बता दें कि पिछले साल कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास पर किए गए हमले के बाद विदेश में हुए हमलों को भी आतंकवाद की श्रेणी में रखा जाएगा. इतना ही नहीं इसके साथ भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा से भी जोड़ा गया है.

ये मामले भी आतंकवाद ….

गौरतलब है कि नए कानून की तहर बम विस्फोट को आतंकवाद माना गया है जबकि बायोलॉजिकल, रेडियो एक्टिव, nuclear या किसी खतरनाक तरीके से हमला पहुंचाने की घटना को आतंकवाद माना जाएगा. इसके अलावा किसी को चोट पहुंचाने या जान लेने की घटना हुई तो वो भी आतंकी घटना के तौर पर देखा जाएगा.

नए कानून में इतनी होगी सजा…

# आतंकी घटना में मौत होने पर आरोपित या आरोपितों को फांसी या उम्रकैद और जुर्माना.
# आतंकी साजिश रचने से लेकर आतंकवादियों की मदद करने वालों को 5 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा.
# आतंकी संगठनों से जुडने पर उम्रकैद तक की कड़ी सजा और जुर्माना दोनों का प्राविधान.
# आतंकी को छुपाने और पाए जाने पर न्यूनतम तीन साल और अधिकतम उम्रकैद और जुर्माना .

इन धाराओं में किया गया बदलाव…

छीनाझपटी: गैरजमानती और गैर सम्यक अपराध BS – 304

आतंकवाद: नई परिभाषा के आधार पर BNS की धारा- 113

राजद्रोह: राजद्रोह को समाप्त किया गया है. इसके स्थान पर भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा को खतरे में डालने पर देशद्रोह शब्द जोड़ा गया है जिसकी नई धारा- BNS में 152 है.

मॉब लॉन्चिंग: BNS की धारा 103 (2) के तहत अधिकतम मौत की सजा.

संगठित अपराध: BNS की धारा 111 के तहत परिभाषित और सजा का प्रावधान.

भारतीय न्याय संहिता BNS ( 2023 ) में बदलाव…

IPC में बदलाव के बीच अब BNS में 511 धाराओं की संख्या कम होकर महज 358 हो गई है. इसके तहत 20 नए अपराध जोड़े गए हैं. जोड़े गए नए अपराधों में न्यूनतम सजा का प्रावधान है. छोटे- छोटे अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया है जबकि कई धाराओं के अपराधों में जुर्माना बढ़ाया गया है और सजा की अवधि में भी इजाफा किया गया है.

क्राइम पहले IPC BNS 2023

हत्या                               धारा- 302                                         धारा- 103
हत्या का प्रयास               धारा- 307                                         धारा- 109
गैर इरादतन हत्या           धारा- 304                                         धारा- 105
दहेज़ हत्या                     धारा- 304 बी)                                    धारा- 80
चोरी                               धारा-379                                           धारा- 303
दुष्कर्म                          धारा-376                                             धारा- 64
छेड़छाड़                       धारा- 354                                           धारा- 74
धोखाधड़ी                     धारा- 420                                           धारा- 318
लापरवाही से मौत-        धारा- 304 (ए)                                    धारा-106
मानहानि-                     धारा- 499, 500                                   धारा- 356

नए कानून के फायदे…

कहा जा रहा है कि देश में नए कानून लागू होने के बाद आम लोगों की छोटी- छोटी शिकायतों पर थानों के चक्कर और पुलिस को रिश्वत देने की दिक्कत ख़त्म हो जाएगी. इसके बाद अब हत्या, लूट, दुष्कर्म की ऑनलाइन शिकायत दर्ज हो जाएगी. एक जिले में हुए अपराध को दूसरे जिले के थानों में दर्ज कराई जा सकेगी और पुलिस थाना क्षेत्र का हवाला देकर टाल नहीं सकेगी.

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