बीएचयू के शोध छात्र पर जूठा समोसा फेंक कर मारने के बाद अब प्रोफेसर बना रहे दबाव

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वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय के रचना शरीर विभाग में एक दलित शोध छात्र को विभाग के ही एक रसूखदार सीनियर प्रोफ़ेसर द्वारा जूठा समोसा फेंककर मारने के मामले में एक फोटो सामने आया है. इसमें साफ दिख रहा है की सीनियर प्रोफ़ेसर हॉल में विभागाध्यक्ष और अन्य प्रोफेसर के साथ टेबल पर बैठे हुए हैं और हाथ पीछे तानकर कैमरे की तरफ गुस्से में नजरे किए हुए कुछ फेंककर मारने की मुद्रा में हैं.

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यह घटना तब की है जब आयुर्वेद फैकल्टी के रचना शरीर विभाग में पीड़ित शोध छात्र शिवम कुमार का JRF से SRF होने के लिए विभाग के ही एक हॉल में वाइवा चल रहा था. इसमें विभाग के प्रोफेसरों के अलावा विभाग के अन्य शोध छात्र भी मौजूद थे. शोध छात्र शिवम कुमार के जेआरएफ से एसआरएफ अपग्रेडेशन वाइवा के लिए दूसरे विश्वविद्यालय से एक महिला एक्सटर्नल एक्सपर्ट को भी बुलाया गया था.

फोटो खींचने पर हुआ विवाद

कुछ समय पश्चात जब शोध छात्र शिवम कुमार का वायवा सकुशल संपन्न हो गया तब हॉल में उपस्थित लोगो के लिए जलपान की भी व्यवस्था की गई थी. विभाग के सारे प्रोफेसर्स और एक्सटर्नल एक्सपर्ट एक ही टेबल पर साथ में अगल बगल बैठे थे. जलपान के दौरान ही शोध छात्र शिवम कुमार ने अपने फोन से एक सामूहिक फोटो खींच रहा था तभी हॉल में मौजूद विभाग के सीनियर प्रोफेसर हरि हृदय अवस्थी बौखला गए और अपने प्लेट का जूठा समोसा छात्र के तरफ चलाकर मार दिया जो सीधे छात्र को लगा.

शिकायत वापस लेने का बना रहे दबाव

पीड़ित शोध छात्र शिवम कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि प्रोफेसर हरि हृदय अवस्थी मुझपर कुलपति और विश्वविद्यालय के अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से किए गए शिकायत पत्र को वापस लेने का दबाव बना रहे और वापस शिकायत पत्र वापस ना लेने पर धमकी दे रहे की छह महीने बाद मैं ही रचना शरीर विभाग का विभागाध्यक्ष बनने वाला हूं ,फिर तुमको अच्छे से बताऊंगा.” रचना शरीर विभाग के सीनियर प्रोफेसर पर पूर्व में भी विभाग के ही एक अन्य दलित शोध छात्र ने भी शोषण का आरोप लगाया था. छात्र ने कुलपति और विश्वविद्यालय के अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को लिखित में शिकायत पत्र लिखकर आरोप लगाया था की प्रोफेसर उनसे अपना निजी कार धुलवाते-पोछवाते रहते थे. लेकिन प्रोफेसर हरि हृदय अवस्थी ने अपने पहुंच और रसूख के दम पर छात्र से मामला वापस लेने को और माफी मांगने पर मजबूर कर दिया था.

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