बनारस से इस शहर के लिए अब हर आधे घंटे पर चलेगी बसें..

ट्रेनें रद्द होने के चलते लिया गया है फैसला

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वाराणसी से गोरखपुर की यात्रा करने वाले लोगों के लिये अच्छी खबर है. रोडवेज ने यात्रियों के लिये हर आधे घंटे पर एक बस चलाये जाने के लिए कदम उठाया है. यूपी रोडवेज वाराणसी से गोरखपुर के बीच 30 स्पेशल बसें चला रहा है. बताते चलें कि वाराणसी से गोरखपुर रुट की ट्रेनों के रद्द होने के कारण यात्रियों को परेशानी न हो इसके लिए यूपी रोडवेज ने यह पहल की है. पहले वाराणसी से गोरखपुर के लिए 3 एसी और 3 नॉन एसी बसें चलाई जाती थी.

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पांच गुना बढ़ाई गई है बसों की संख्या

दोनों शहरों के बीच चलाई जाने वाली बसों की संख्या को 5 गुना बढ़ा दिया गया है. इस रूट पर अब 30 से अधिक बसें चलाई जा रही है. एआरएम गौतम कुमार के अनुसार हर आधे घंटे में वाराणसी कैंट के पास चौधरी चरण सिंह बस स्टेशन से यात्रियों को गोरखपुर के लिए बस मिलेंगी. पूरे दिन में इन बसों से करीब 1500 लोगों को यात्रा में सहूलियत मिलेगी. उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि जब तक ट्रेनों का संचालन पुनः शुरू नहीं हो जाता तब तक यात्री, बसों को विकल्प के तौर पर प्रयोग कर अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे. बता दें कि भटनी-औड़िहार खण्ड के कीड़ीहरापुर-बेरथरा रोड स्टेशनों के मध्य दोहरीकरण कार्य और नान इंटरलॉकिंग कार्य के चलते अस्थाई तौर पर कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है.

इन 5 वंदे भारत ट्रेनों में रिजर्वेशन कराना होता है सबसे मुश्किल

वंदेभारत एक्‍सप्रेस लोगों के बीच खासा पापुलर है. सफाई और जल्द पहुंचाने के कारण लोग इसमें सफर करना पसंद करते हैं. वहीं 5 वंदे भारत ट्रेन ऐसी हैं जिसमें सबसे अधिक भीड़ रहती है. इन ट्रेनों के रिजर्वेशन कराने में भी यात्रियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
वर्तमान समय में 52 वंदेभारत ट्रेनों का संचालन हो रहा है. देश के सभी राज्‍यों में (पूर्वत्‍तर के राज्‍यों को छोड़कर) वंदेभारत एक्‍सप्रेस दौड़ रही हैं. इनमें सबसे ज्‍यादा आक्‍यूपेंसी वाली वंदेभारत मंगलुरू-तिरुवंतपुरम के बीच चलने वाली है. वहीं, दूसरे नंबर पर तिरुवंतपुरत-कासरगोड वंदेभारत है. आक्यूपेंसी के मामले में टॉप की दोनों वंदेभारत दक्षिण भारत में चलने वाली हैं. तीसरे नंबर पर दिल्‍ली-वाराणसी वंदेभारत है. यह पहली वंदे भारत ट्रेन थी जो देश में चलाई गई थी. वहीं चौथे नंबर पर दक्षिण में चलने वाली चेन्‍नई-तिरुनेलवेली वंदेभारत है. पांचवें नंबर पर दिल्‍ली-कटरा वंदेभारत है.

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