कोरोना वायरस महामारी के बीच अब पश्चिमी अफ्रीका के घाना में खतरनाक मारबर्ग वायरस से संक्रमित मरीज पाए गए हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि मारबर्ग संक्रमण एक अन्य संक्रामक बीमारी इबोला के वायरस से भी अधिक तेजी से फैल सकता है. एक्सपर्ट के अनुसार, मारबर्ग संक्रमण भी चमगादड़ से फैलता है. संक्रमित होने वालो लोगों में बुखार, सिरदर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं. संक्रमित होने वाले कुछ मरीजों में 7 दिन के अंदर ब्लीडिंग भी हो सकता है. फिलहाल मारबर्ग संक्रमण के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनाई गई है.
उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्यूएचओ) ने गुरुवार को कहा था कि घाना में जिन दो लोगों के नमूने लिए गए थे उनमें मारबर्ग वायरस की पुष्टि हुई है. इन दोनों लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हो गई है.
डब्ल्यूएचओ ने अपने बयान में कहा ‘घाना में लिया गया सैंपल पॉजिटिव पाया गया है.’ डब्ल्यूएचओ ने विशेष जोर देते हुए कहा कि सैंपल के परिणामों की पुष्टि सेनेगल की एक प्रयोगशाला द्वारा की जानी चाहिए थी. संभावित खतरे को देखते हुए इस संक्रमण से लड़ने की तैयारी तेजी से की जा रही है. इसके साथ ही आगे की जांच भी चल रही है.
बयान में कहा गया है कि दक्षिणी अशांती रीजन के दो रोगियों में दस्त, बुखार, जी मिचलाना और उल्टी सहित कई लक्षण पाए गए थे. यदि इस मामले की पुष्टि हो जाती है तो यह पश्चिम अफ्रीका में मारबर्ग संक्रमण, इबोला संक्रमण के बाद तेजी से बढ़ने वाली दूसरी बीमारी होगी. पिछले साल गिनी में वायरस के पहले मामले का पता चला था. हालांकि अभी तक मारबर्ग से संक्रमित कोई दूसरा मामला नहीं मिला है.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार साल 1967 से अब तक दर्जनों मारबर्ग के प्रकोप देखे गए हैं. अधिकतर मामले दक्षिणी और पूर्वी अफ्रीका में मिले थे. वायरस के स्ट्रेन और केस प्रबंधन के आधार पर पिछली लहर में मृत्यु दर 24 प्रतिशत से 88 प्रतिशत तक थी.