विधायक और पुलिस में नोंकझोक! मैं सीओ… मैं विधायक… की घंटो चली तू-तू-मैं-मैं, बढ़ रहा पुलिस-जनप्रतिनिधि के बीच तनाव
समाज में पुलिस और जनप्रतिनिधि की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती हैं। दोनों ही आमजन के लिए कार्य करते हैं। जनप्रतिनिधि जनता व प्रशासन के बीच की अहम कड़ी है, जो जनता और प्रशासन के बीच की खाई को मिटाता हैं। जबकि पुलिस के हाथों में लोगों की सुरक्षा का जिम्मा होता है। वहीं, इस जिम्मेदारी को निभाते समय कई बार पुलिस की छवि धूमिल हो जाती है। मगर यहां पुलिस और जनप्रतिनिधि के व्यवहार और सामंजस्य की बात हो रही है। आज कल कई ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं, जहां कभी पुलिस किसी जनप्रतिनिधि के साथ अभद्रता करती है तो कभी जनप्रतिनिधि पुलिस पर न्याय को परिवर्तित करने के लिए दबाव बनाते हैं। कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर बागपत का एक वीडयो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मेरठ से सपा विधायक अतुल प्रधान और पुलिस के बीच नोंकझोक होते दिखी।
जब पुलिस ने विधायक को रोका तो विधायक भड़क गए…
पुलिस पक्ष से आवाज आई- मैं सीओ हूं…
इसपर विधायक ने जवाब दिया- तो मैं भी विधायक हूं…
इसके बाद ही दो गुट बन गए और खींचातानी शुरू हो गई
सपा विधायक को सीओ ने रोका
मेरठ में सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान दिल्ली से आते हुए सहारनपुर में गुर्जर समाज की गौरव यात्रा में शामिल होने के लिए जा रहे थे। तभी बागपत में पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसपर विधायक और पुलिसकर्मियों के बीच खींचातानी शुरू हो गई। इस खींचातानी में विधायक का कुर्ता फट गया। इसपर भड़के विधायक अपने समर्थकों के साथ ही नेशनल हाईवे पर धरने पर बैठ गए। फिर पुलिस ने उनको अपनी गाड़ी में बिठाकर मेरठ ले गई। इस घटना पर सपा विधायक ने सीओ साहब पर अभद्रता करने का आरोप लगाया कि पुलिस भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रही है।
पुलिस व जनप्रतिनिध के बीच अभद्रता की अन्य घटनाएं
- 10 मार्च 2023 को भरतपुर जिले के नगर थाना इलाके में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती वीरांगना सुंदरी से मिलने पहुंची सांसद रंजीता कोली से पुलिस की भिड़ंत हो गई थी। इस दौरान हॉस्पिटल में जमकर हंगामा हुआ। सांसद ने रात 9.30 नगर हॉस्पिटल पहुंचे एसपी श्याम सिंह से आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ बदतमीजी की। हाथ पकड़कर खींचा। इससे उनके हाथ और कमर में चोट आ गई। धक्का-मुक्की में उनकी सोने की चेन भी गिर गई। जबकि पुलिस इसके विपरीत बयान जारी कर सांसद पर ही आरोप लगाती रही।
- 26 नवंबर 2022 को कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद को दिल्ली पुलिस से बदसलूकी व गाली-गलौच करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया। दरअसल, कांग्रेस नेता दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग में लोगों के बीच भाषण दे रहे थे कि तभी दिल्ली पुलिस के एसआई अक्षय ने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन आसिफ मोहम्मद उनसे बदतमीजी करने लगे जिसके बाद एसआई कि शिकायत पर शाहीन बाग थाने में उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
- एक महीने पहले हरियाणा के रोहतक के महम में सन्नी सुसाइड मामले को लेकर महम विधायक और पुलिस आमने-सामने आ गई है। महम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) हेमेंद्र मीना ने निर्दलीय विधायक पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है। विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि एक मासूम की मौत के बाद पूरा परिवार सैकड़ों लोगों के साथ न्याय के लिए भटक रहा है और पुलिस कुछ नहीं कर रही। जिसके बाद वे भी लोगों से मिलने पहुंचे और पुलिस को उचित कार्रवाई के लिए कहा, लेकिन एएसपी ने उनके साथ अभद्रता की।
- 24 जनवरी 2023 को भाजपा पार्षद यशपाल का पुलिस से नोकझोंक का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें बीजेपी नेता को पुलिस वालों से बदसलूकी करते देखा गया। पुलिसकर्मियों को धमकी देते हुए पार्षद ने कहा कि दिमाग ठीक कर लो, नहीं तो पूरी पुलिस चौकी का इलाज कर दूंगा। मामला गाजियाबाद के साहिबाबाद थाना क्षेत्र के डीएलएफ चौकी का है।
- 27 मई 2022 को जिलाध्यक्ष राज नागर का पुलिस के साथ हाथापाई का मामला आया था। जिलाध्यक्ष हिरासत में लिए गए सूरजपुर के मंडल अध्यक्ष अतुल गुर्जर को छुड़ाने थाने पहुंचे थे। इसी दौरान थाने में मौजूद इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल से राज नागर की बहस हो गई। बीजेपी नेता ने महिला पुलिसकर्मियों के सामने गाली गलौज शुरू कर दी। जब पुलिसकर्मी ने उनकी अभद्रता का विरोध किया, तो नागर ने कहने लगे- लगता है कि तुम्हारा दिमाग सही नहीं है इंस्पेक्टर। भाजपा नेता का आरोप था कि युवा मोर्चा के सूरजपुर मंडल अध्यक्ष को पुलिस बिना किसी अपराध के कई घंटों तक थाने में बैठाया था।
- 12 अप्रैल 2023 को इटारसी शहर में बीजेपी नेता दीपक वस्तबार और पुलिस एसडीएम के बीच जमकर बहस हो गई थी। यहां चिकमंगलूर चौराहा बाजार से सख्ती से अतिक्रमण हटाया जा रहा था। इस दौरान बीजेपी नेता दीपक की एसडीएम के साथ जेसीबी से अतिक्रमण तोड़े जाने को लेकर कहासुनी हुई। जो बड़ी बहस में बदल गई। इसी बीच पुलिस ने बीजेपी नेता दीपक वस्तबार को पुलिस हिरासत में लेकर थाने ले गई। एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी का कहना है कि बीजेपी नेता दीपक वस्तबार ने बदतमीजी की।
- 26 नवंबर 2022 को कांग्रेस नेता और ओखला से पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान एक बार फिर से विवादों में हैं। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह दिल्ली पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर के साथ बदतमीजी करते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि आसिफ खान ने एसआई को सबक सिखाने की धमकी दी और भीड़ के सामने बेइज्जत भी किया। इस दौरान आसिफ खान के समर्थक पुलिसकर्मी के साथ मौके पर धक्का-मुक्की करते नजर आए। इसके बाद सब इंस्पेक्टर वापस लौट गए।
पुलिस के अधिकार
पुलिस नियमावली कहती है कि थाने में आने वाले प्रत्येक पीड़ित की सूचना प्राथमिकी यानी एफआईआर (FIR) दर्ज करना पुलिस की पहली जिम्मेदारी है। जब बात पुलिस और आपके अधिकार की आती है तो पुलिस आपको एफआईआर दर्ज करने से मना नहीं कर सकती। आपको इसकी एक कापी मुफ्त में उपलब्ध कराना भी उसी की जिम्मेदारी है। यदि कोई पुलिस वाला किसी व्यक्ति को गाली देता है या उसके खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (indian penal code) यानी आईपीसी (IPC) धारा (section) 129 के तहत कार्यवाही की जा सकती है।
पुलिस जनप्रतिनिध के प्रति संवेदनशील
जिला पंचायत सदस्य पंचम ई. नीतेश कुमार ने कासिमाबाद कोतवाली प्रभारी निरीक्षक कमलेशपाल के पुलिसिया दुर्व्यवहार को लेकर यूपी पुलिस, डीजीपी, गाजीपुर पुलिस को ट्विटर पर ट्वीट कर नाराजगी जताई है। ट्विटर अकाउंट पर लिखी इन बातों को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि जब एक जनप्रतिनिधि का सम्मान नहीं तो फरियादियों का सम्मान क्या होगा। ट्वीट करने के बाद से क्षेत्रीय सियासत में एक बार फिर कासिमाबाद कोतवाली प्रभारी की दुर्व्यवहार वाली कार्यशैली को लेकर गर्माहट हो गई है।
शालीन होना चाहिए पुलिस का व्यवहार
आमतौर पर ऐसे कई मामले सुनने को मिलते हैं, जिनमें पुलिस द्वारा अभद्र व अनुचित व्यवहार करते देखा गया है। ऐसे में किसी एक भी पुलिसकर्मी द्वारा पूरे विभाग पर दाग लगता है। इसलिए पुलिस के जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी की ओर से अभद्र भाषा में बात करना उचित नहीं हैं। जरुरी नहीं कि आप जनप्रतिनिधि से ही नरम व्यवहार रखें, पुलिस को आम आदमी के साथ भी अच्छा व्यवहार करना चाहिए। जिससे जनता का पुलिस पर विश्वास कायम हो सकेगा। पुलिस को हमेशा विनम्र और शिष्ट व्यवहार करना चाहिए। उन्हें भरोसेमंद और निष्पक्ष होना चाहिए। उनमें गरिमा और साहस होना चाहिए। और चरित्र और लोगों के विश्वास की खेती करनी चाहिए।
जनप्रतिनिधि पुलिस के कार्यों में न बने बाधा
पुलिस और जनप्रतिनिधि दोनों ही जिम्मेदार वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि पुलिस के कार्यों में किसी भी जनप्रतिनिधि को बाधा नही बनना चाहिए। क्योंकि अगर जनप्रतिनिधि पुलिस कार्य प्रणाली में अवरोध उत्पन्न करेंगे तो न्याय प्रक्रिया बाधित हो जाती है। वहीं, इसी के उलट, पुलिस को भी जनप्रतिनिधि का सम्मान करना चाहिए। बिना नोटिस या अकारण जनप्रतिनिधि को पुलिस को रोकना नहीं चाहिए।
पुलिस और जनप्रतिनिध में आपसी तालमेल जरूरी
समाज में पुलिस और जनप्रतिनिधि का आपस में अच्छा तालमेल जरूरी है। पुलिस जहां समाज में लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाती है तो वहीं जनप्रतिनिधि लोगों की समस्याओं से पुलिस को अवगत कराती है। क्योंकि पीड़ित लोग जनप्रतिनिधियों के पास जाकर अपनी व्यथा सुनाते हैं। ऐसे में पुलिस और जनप्रतिनिधि दोनों को एक दूसरे के प्रति सम्मानपूर्व व्यवहार करना चाहिए। जिससे दोनों ही जिम्मेदारों की छवि समाज में अच्छी बनी रहें। यदि पुलिस कर्मी जनप्रतिनिधि के साथ भद्दा सलूक करेंगे तो आमजन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ये भी हो सकता है कि आमजन पुलिस से दूरी बना सकती है।
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