बनारस में ध्वनि प्रदूषण मानक से डेढ़ गुना ज्यादा
जाने अपने क्षेत्र की ध्वनि व वायु प्रदूषण, दो माह में बनेंगे 10 नए केंद्र
वाराणसी में ध्वनि प्रदूषण विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से लगभग डेढ़ गुना ज्यादा है. लगातार बढ़ रहे इस प्रदूषण पर रोक लगाने की कवायद के लिए क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पहल शुरू कर दी है. अब में ध्वनि व वायु प्रदूषण को नापने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में दो माह के भीतर 10 नए केंद्र बनाएं जाएंगे. इन केन्द्रों को व्यवसायिक, आवासीय, औद्योगिक और शांत श्रेणियों को शामिल किया गया है. इस संबंध में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम को पत्र लिखकर केंद्रों को बनाए जाने वाले स्थान को चिन्हित करने को कहा है. इसके बाद नगर निगम की टीम एक्टिव हो गयी है. वह शीघ्र ही सर्वे करने के बाद विभाग को रिपोर्ट सौंप देगी. रिपोर्ट आने के करीब 2 महीने के अंदर इन सारे केन्द्रों को स्थापित कर दिया जाएगा.
वर्त्तमान में हैं इतने केंद्र
आपको बता दें की वर्तमान में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नगर में स्थापित अपने 4 केन्द्रों से ध्वनि और वायु प्रदूषण की निगरानी करता है. ये केंद्र BHU, अर्दली बाजार और मलदहिया में हैं. बढ़ते शहरीकरण, उद्योग, और परिवहन समेत अन्य कारणों से शोर की समस्या काफी ज्यादा गंभीर होती जा रही है. विशेषज्ञों की माने तो इसका तत्काल प्रभाव से हल निकालना फिलहाल बहुत जरुरी हो गया है.
लोगों की सेहत पर पड़ रहा असर
विवाह, धार्मिक आयोजनों, मेला,पार्टियों में लाउडस्पीकर और DJ का इन दिनों खूब चलन है. यही कारण हैं कि इससे ध्वनि का स्तर लगातार बढ़ रहा हैं जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है. इसके चलते लोगों को तनाव, हाई ब्लड प्रेशर, दिल का दौरा, सुनने की समस्या, नींद की समस्या जैसी तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं.
मॉनिटरिंग सेंटर का विस्तार
इन सब कारणों से क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अपने मॉनिटरिंग सेंटरों का विस्तार करना पड़ रहा है. नए केंद्रों के बनने के बाद विभाग के पास 14 मॉनिटरिंग सेंटर हो जाएंगे. इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डा. एससी शुक्ला ने जानकारी दी कि इस बाबत जितने भी आवश्यक उपकरण हैं वह सभी हमारे पास आ चुके हैं . नगर निगम को इस बारे में पत्र लिख दिया गया है. उनके सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद सारे उपकरण चिन्हित स्थानों पर बनने वाले केंद्रों पर इंस्टाल कर दिए जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि इन केंद्रों को CPCB से भी जोड़ा जाएगा ताकि लोग घर बैठे ही अपने क्षेत्र की ध्वनि और वायु प्रदूषण की जानकारी प्राप्त कर सकें.
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बनारस में ध्वनि प्रदूषण का स्तर हैं ऊंचा
बता दें कि WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के मानक के अनुसार दिन में 45 तथा रात में 34 डेसिबल ध्वनि होनी चाहिए.दूसरी ओर बनारस में आवासीय क्षेत्र का आंकड़ा दिन में 57.36 तथा रात में 48.47 औसत मापा गया है. कुछ इस तरह वाणिज्यक क्षेत्र में क्रमशः 72.56 तथा 61.62, औद्यौगिक क्षेत्र में 81.03 तथा 74.87 और शांत क्षेत्र में 54.71 तथा 44.14 है.