Nirbhaya Justice : निर्भया के दर्द से लेकर दरिंदों का अंत, जानें अब तक का सब कुछ
निर्भया मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई
Nirbhaya Justice निर्भया मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को 23 वर्षीय छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के सनसनीखेज मामले का संपूर्ण घटनाक्रम इस प्रकार है :
- 16 दिसंबर, 2012: अपने मित्र के साथ जा रही एक पैरामेडिकल छात्रा के साथ एक निजी बस में छह लोगों ने बर्बरतापूर्वक सामूहिक दुष्कर्म करने और क्रूरतापूर्ण हमला करने के बाद उसे घायल हालत में उसके दोस्त के साथ चलती बस से बाहर फेंक दिया। पीड़ितों को सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- 17 दिसंबर: आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए देशभर में भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
- पुलिस ने चारों आरोपियों- बस चालक राम सिंह, उसके भाई मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता की पहचान की।
- 18 दिसंबर: राम सिंह सहित चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
- 20 दिसंबर: पीड़िता के दोस्त का बयान दर्ज किया गया।
- 21 दिसंबर: दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे से नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पीड़िता के दोस्त ने आरोपियों में से एक मुकेश की पहचान की। छठे आरोपी अक्षय कुमार सिंह को पकड़ने के लिए हरियाणा और बिहार में छापेमारी की गई।
- 21-22 दिसंबर: अक्षय को बिहार के औरंगाबाद जिले से गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया। पीड़िता ने अस्पताल में एसडीएम के सामने अपना बयान दर्ज कराया।
- 26 दिसंबर: दिल का दौरा पड़ने के बाद पीड़िता की हालत और गंभीर हो गई जिसे देखते हुए सरकार ने पीड़िता को इलाज के लिए विमान से सिंगापुर के ‘माउण्ट एलिजाबेथ’ अस्पताल भेजा ।
- 29 दिसंबर: पीड़िता ने गंभीर चोटों और शारीरिक समस्याओं से जूझते हुए तड़के करीब सवा दो बजे दम तोड़ दिया। पुलिस ने प्राथमिकी में हत्या की धाराएं जोड़ दीं।
- दो जनवरी 2013: तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने यौन उत्पीड़न मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालत का उद्घाटन किया।
- तीन जनवरी, 2013: पुलिस ने पांच वयस्क आरोपियों के खिलाफ हत्या, सामूहिक बलात्कार, हत्या का प्रयास, अपहरण, अप्राकृतिक यौनाचार और डकैती की धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किए।
- पांच जनवरी: अदालत ने आरोप पत्र पर संज्ञान लिया।
- सात जनवरी: अदालत ने बंद कमरे में सुनवाई के आदेश दिए।
- 17 जनवरी: त्वरित अदालत ने पांचों वयस्क आरोपियों के खिलाफ सुनवाई शुरू की।
- 28 जनवरी: किशोर न्याय बोर्ड ने कहा कि एक आरोपी का नाबालिग होना सबित हो चुका है।
- दो फरवरी: त्वरित अदालत ने पांचों वयस्क आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए।
- 28 फरवरी: किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए।
- 11 मार्च: आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली।
- 22 मार्च: दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय मीडिया को निचली अदालत की कार्यवाही को रिपोर्ट करने की अनुमति दी।
- पांच जुलाई: किशोर न्याय बोर्ड में नाबालिग आरोपी के खिलाफ सुनवाई पूरी हुई। किशोर न्याय बोर्ड ने 11 जुलाई के लिए फैसला सुरक्षित कर लिया।
- आठ जुलाई: त्वरित अदालत ने अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही दर्ज की।