यूपी में बनेगा नया विधानभवन, अटल जयंती पर रखी जाएगी आधारशिला, जानें क्या है इतिहास….

0

देश की राजधानी दिल्ली में नए संसद भवन की तर्ज पर अब यूपी की विधानसभा का भी नवनिर्माण किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, इस नए विधानसभा भवन की आधारशिला पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेई की जयंती के अवसर पर रखी जाएगी, इस विधानसभा के निर्माण कार्य में करीब 3 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है। यह नवीन विधानसभा भवन का निर्माणकार्य़ दारुलशफा और आसपास के इलाके में किया जाएगा, प्रदेश की योगी सरकार नई विधानसभा को 2027 से पहले इसका निर्माण कार्य पूरा कर लेना चाहती है, 25 दिसंबर को अटल जी के जन्मदिन पर पीएम मोदी से इसका शिलान्यास करना चाहती है।

आखिर क्यों लेना पड़ा नई विधानसभा निर्माण का फैसला ?

प्रदेश की योगी सरकार 18 वीं विधानसभा का कम से कम एक सत्र का आयोजन इस नवीन भवन में करना चाहती है, इसके अलावा यदि बात करें कि, नवीन भवन का निर्माण का फैसला क्यो लिया गया तो, आपको बता दें कि, मौजूदा विधानसभा भवन जरूरतों के हिसाब से छोटा पड़ रहा है। इस भवन का निर्माण साल 1928 में किया गया था । वही मीडिया रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी कि अनुसार, कुछ समय प्रदेश में नए विधानभवन निर्माण के लिए कंसल्टेंट का चयन किया गया था। कंसल्टेंट ने सर्वे और मिट्टी की जांच का काम पूरा कर लिया। फिलहाल अभी तक उनका ये सर्वे काफी गोपनीय रखा जा रहा है।

क्या यूपी विधानसभा का इतिहास

साल 1922 में यूपी की राजधानी इलाहाबाद से बदलकर लखनऊ बनायी गयी थी, इसके साथ ही शुरू किया गया जरूरत के भवनों का निर्माण कार्य जिसके साथ ही 21 लाख खर्चे की लागत पर इमारत का निर्माण कार्य किया गया था। 15 दिसंबर 1922 को इस भव्य इमारत का निर्माण शुरू किया गया था और सात साल में बनकर तैयार हो गई थी। 21 फरवरी 1928 में यह इमारत पूरी तरह बनकर तैयार हुई थी।

जब अंग्रेजों ने लखनऊ को राजधानी बनाने का फैसला किया तब इस इमारत की जरूरत महसूस हुई। तत्कालीन यूपी के गर्वनर स्पेंसर हारकोर्ट बटलर ने विधान भवन की नींव रखी थी। आजादी के बाद यूपी में पहली विधानसभा 20 मई 1952 में गठित हुई थी। इसके बाद से अब तक 17 बार विधान सभा का गठन हो चुका है। पहले यह भवन काउंसिल हाउस के नाम से जाना जाता था लेकिन 1937 में जाकर इसका नाम तब्दील किया गया।

also read : Horoscope 20 September 2023 : इन राशियों को होगा धनलाभ, पढ़े आज का राशिफल.. 

विधानसभा भवन से जुड़ी कुछ खास बातें

-भवन की स्थापत्य यूरोपियन और अवधी शैली का मिश्रण है। यह भवन अर्दचक्राकार में मुख्य रूप से दो मंजिलों में मिर्जापुर चुनार के भूरे रंग के बलुआ पत्थरों के ब्लाक से निर्मित है। अर्धचक्र के बीच में गौथिक शैली का गुंबद है जिसके शीर्ष पर आकर्षक छतरी है। इस गुमंद के चारों ओर सजावट के तौर पर रोमन शैली में बड़े आकार की पत्थर की मूर्तियां बनी हुई है। भवन के बाहरी भाग के पोर्टिको के ऊपर संगमरमर से प्रदेश का राज्य चिन्ह अंकित है।

-भवन के अंदर अनेक हाल और दीर्घाएं हैं। यह सभी जयपुर और आगरा से लाए गए पत्थरों से बनायी गयी हैं। ऊपर मंजिल पर जाने के लिए मुख्य द्वार पर दाहिने और बाएं सुंदर शैली में संगमरमर निर्मित गोलाकार सीढ़ियां बनी हैं।

-गुबंद के नीचे अष्टकोणीय चेंबर अर्थात मुख्य हाल बना है। इसकी वास्तुकला अत्यंत आकर्षक है। इसे पच्चीकारी शैली में बनाया गया है। हाल की गुंबदीय आकार की छत में जालियां तथा नृत्य करते हुए आठ मोरों की सुंदर आकृतियां बनी हैं। इसी चेंबर में विधानभवन की बैठकें होती हैं।

-विधान परिषद की बैठकों और कार्यालयों कक्षों के लिए अलग चेंबर का प्रस्ताव जुलाई 1935 में हुआ। इसके निर्माण का काम मेसर्स फोर्ड एंड मैकडॉनाल्ड को सौंपा गया। मुख्य वास्तविद एएम मार्टीमर की देखरेख में इसके निर्माण का काम 1937 में पूरा हुआ।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More