CM Nitish Kumar के आवास पर जुटा NDA कुनबा, बिहार उपचुनाव से पहले बड़ी बैठक
कई नेता नहीं हुए शामिल...
पटना: बिहार की राजधानी पटना में आयोजित NDA की बैठक अब खत्म हो चुकी है. इस बैठक में कई एजेंडों में चर्चा हुई है. खास बात यह रही कि उन्होंने आज एक बार फिर दोहराया कि ” दो बार वह RJD के साथ जाकर गलती कर चुके हैं और अब वह हमेशा BJP के साथ रहेंगे. इशारे में उन्होंने कहा कि इन्हीं के चलते मैं दो बार RJD में गया लेकिन अब नहीं जाऊंगा.
इन मुद्दों पर हुई चर्चा…
कहा जा रहा है कि इस बैठक में जिन अहम मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें 18 साल के ऊपर के वोटर्स को बिहार और सरकार की आज की नीतियों के बारे में बताना हैं. उन्हें अवगत कराना है कि सरकार क्या कुछ कर रही है. एनडीए 2005 के पहले का बिहार और आज के बिहार का अंतर बताएगी. सरकार के लोग पूरे प्रदेश में इसका प्रचार करेगें. ‘नीतीश हैं तो ही सुरक्षित है ‘, इस मैसेज के जरिए मुस्लिम समुदाय को साधने की कोशिश की जाएगी. केंद्र सरकार से मिली विशेष सहायता पर भी चर्चा हुई.
NDA में चुनाव लड़ा जाएगा…
नीतीश कुमार ने बैठक में कहा कि आप लोग आपसी तालमेल बना कर रखें. सरकार ने जो विकास कार्य किए हैं, उसे जनता तक पहुंचाएं. समय-समय पर बैठक करते रहें. हर स्तर पर एनडीए की मीटिंग होती रहनी चाहिए. प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर तक एकजुट रहना है. सीएम ने कहा कि जिला स्तर पर समन्वय समिति भी गठित की जाएगी. 2025 का चुनाव एनडीए मिल कर लड़ेगा. इस बैठक में दोनों डिप्टी सीएम शामिल हुए. इसके अलावा एनडीए के तमाम घट दलों के बड़े नेता इस बैठक में शामिल रहे, केवल आरएलजेपी को इस बैठक में नहीं बुलाया गया था.
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पशुपति पारस को न्यौता नहीं
बता दें कि,एनडीए की इस बैठक में चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस नहीं पहुंचे और न ही उनकी पार्टी का कोई नेता बैठक में मौजूद रहा. खास बात ये है कि पशुपति पारस खुद को एनडीए का हिस्सा बताते रहे हैं.
वहीं नीतीश कुमार के आवास पर हुई बैठक के लिए किसी को भी न्यौता नहीं दिया गया था. अब सवाल ये है कि क्या पशुपति पारस आधिकारिक तौर पर एनडीए का हिस्सा नहीं हैं.
बैठक से कौन-कौन रहे ‘गायब’…
मुख्यमंत्री आवास पर एनडीए की बैठक में गठबंधन के तमाम सांसद, विधायक, एमएलसी और जिला अध्यक्ष पहुंचे. हालांकि चिराग पासवान बैठक में मौजूद नहीं रहे. लेकिन उनकी पार्टी के सांसद बैठक में शामिल हुए. वहीं बिहार एनडीए के अहम खिलाड़ी जीतनराम मांझी भी बैठक में नहीं पहुंचे, लेकिन मांझी के बेटे संतोष सुमन बैठक में शामिल हुए. हालांकि उपेंद्र कुशवाहा बैठक में मौजूद रहे.