इन दिनों देश में भारत बनाम इंडिया विवाद पर सियासत गरमायी है, वही जी 20 बैठक को लेकर राष्ट्रपति भवन से भेजें गए निमंत्रण पत्र में ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखे जाने पर विपक्ष केन्द्र सरकार पर हमलावर हो गया है। उनका कहना है कि, सरकार देश के नाम से छेड़छाड़ कर देश का नाम बदलने का प्रयास कर रही है। इसी दौरान नौ सेना के ड्रेस कोड बदलने की चर्चा शुरू हो गयी है, यह चर्चा में इसलिए आयी है क्योकि अब से भारतीय नौसेना के जवानों को पारंपरिक भारतीय परिधानों को पहनने की अनुमति दिए जाने की बात कही जा रही है। ऐसे में यदि यह कोड लागू किया जाता है तो, भोजनालय और वॉर्डरूम में जवान और अधिकारी कुर्ता – पायजामें में नजर आया करेगे। आपको बता दें कि, सेना के जवानों को भारतीय परिधान पहनने की अनुमति नहीं है ।
नौसेना की ड्रेस कोड को बदलने के लिए तीन दिन की कॉन्फ्रेंस में इतर नेशनल सिविल ड्रेस का भी प्रदर्शन किया गया है । इस दौरान रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के सामने इन परिधानो का प्रदर्शन किया गया, जिनमें कुर्ता पायजामा, फॉर्मल वेस्टकोट, चूड़ीदार पैजामा और गलाबंद सूट को पेश किया गया। हालांकि, अभी नौसेना को नए परिधान को लेकर कोई फैसला नहीं आया है, लेकिन शीर्ष अधिकारी इस मुद्दे पर विचार कर रहे है।
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त्योहारों में पहने सकेंगे भारतीय पारंपरिक पोशाक
सूत्रों का कहना है कि नौसेना औपनिवेशिक परंपराओं और प्रथाओं को हटाने के मकसद से भारतीय पारंपरिक पोशाक (कुर्ता) को मंजूरी देने पर चर्चा कर रहे हैं। नौसेना में वॉर्डरूम और ऑफिसर्स में से जिन पोशाकों को पहना जाता है, उन सूची में पारंपरिक भारतीय पोशाक को भी शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। इन पारंपरिक भारतीय पोशाक को त्योहारों के समय ऑफिसर्स मेस में पहनने की मंजूरी दी जाएगी। यह चर्चा ऐसे समय में हो रही है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में पांच प्रतिज्ञाएं ली थीं, जिनमें औपनिवेशिक परंपराओं को खत्म करना भी शामिल था।
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जवानों को भारतीय परिधान पहनने की नहीं है अनुमति
आपको बता दें कि, अंग्रेजी शासन के जमाने से सेना के जवानों को भारतीय परिधान पहनने की अनुमति नहीं है । इतना ही नहीं जवानों के अलावा मेहमान भी सेना के भोजनालय में भारतीय परिधान में नहीं जा सकते है । हालांकि, इस पश्चिमी सभ्यता को हटाने के लिए नौसेना कदम उठा रही है। इसको लेकर बीते साल दिसंबर में नौसेना के चीफ ऐडमिरल आर हरि कुमार ने कहा था, प्रधानमंत्री ने लालकिले से पंच प्राण का जिक्र किया। इसमें गुलामी की मानसिकता से मुक्ति भी शामिल था।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना के स्वदेशी एनसाइन का भी अनावरण किया जिसमें से लाल रंग के सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया गया। बीते साल आईएनएस विक्रांत के कमीशन होने के मौके पर यह किया गया था। बीते महीने नौसेना में एक और बड़ा परिवर्तन किया गया है। नौसेना के अधिकारी आम तौर पर अपने पास एक डंडा रखा करते थे जिसे अब नियम से हटा दिया गया है। कहा गया कि यह औपनिवेशिक शासन का प्रतीक था और गुलामी को दर्शाता था।