30 सालों से झुग्गियों के बच्चों की जिंदगी संवारने में जुटी हैं डॉ. मार्टिन
देश की राजधानी दिल्ली जहां पर दावा किया जाता है किसी भी इंसान को जीने के लिए जो सुविधाएं होनी चाहिए वो सब हैं, लेकिन इन दावों की पोल तब खलती है जब आप दिल्ली जैसे बड़े महानगर में आप उन बस्तियों में पहुंचेंगे जहबां पर न पीने के लिए साफ पानी आता है न ही लोगों को रहने के लिए छत नसीब हो रही है। बच्चों को देश का भविष्य कहा जाता है, कहते हैं जब देश के बच्चों का विकास होगा तो देश का विकास अपने आप होने लगेगा, लेकिन ये सब बातें सिर्फ कहने के लिए हैं वहां पहुंचने पर पता चलता है कि देश के भविष्य कहे जाने वाले इन बच्चों के भविष्य का क्या हाल है? खैर आप को बताते हैं इन बस्तियों में रहने वालों के लिए आज तक सरकार ने तो कुछ नहीं किया लेकिन एक शख्सियत ऐसी है जो देश के भविष्य कहे जाने वाले इन बच्चों की जिंदगी में शिक्षा की रौशनी पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं।
बेहतर जिंदगी देने की कोशिश
दिल्ली की इन बस्तियों में पेशे से डॉक्टर किरण मार्टिन एक जाना पहचाना नाम बन चुका है। डॉ. किरण पिछले 30 सालों से इन झुग्गियों के बच्चों और महिलाओं को बेहतर जिंदगी देने की कोशिश कर रही हैं।
1700 बच्चों की सवांर चुकी हैं जिंदगी
डॉ. मार्टिन अपनी इस पहल से अबतक वहां के करीब 1700 बच्चों की जिंदगी संवार चुकी हैं। डॉ. किरण के इस पहल से आज झुग्गियों में रहने वाले बच्चे बड़े-बड़े संस्थानों में पढ़ रहे हैं तो कुछ विदेश में तकनीकी शिक्षा पा रहे हैं। हाल ही में डॉ. किरण की महिम से ही दिल्ली यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों में दाखिला पाने में कामयाब हुए हैं तो कुछ उच्च शिक्षा के लिए विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं।
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डॉ. मार्टिन ने 80 के दशक में ली एमबीबीएस की डिग्री
डॉ. मार्टिन ने 80 के दशक में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और लेडी हार्डिंग कॉलेज से पीडियाट्रिक्स की उपाधि ली थी। डॉ. किरण के संस्था द्वारा हेल्थकेयर से लेकर तमाम सामुदायिक कार्यक्रम चलाई जा रही हैं।
1988 में शुरू हुआ ये सफर
डॉ. किरण मार्टिन बताती हैं कि साल 1988 में दक्षिणी दिल्ली दिल्ली ते मलिन बस्तियों में कालरा जैसी खतरनाक बीमारी ने अपना पैर फैला दिया था। लेकिन इस खतरनाक बीमारी का इलाज करने वाला कोई नहीं था। इसी को देखते हुए किरण ने ऐसे लोगों की मदद करने का बीड़ा उठाया और निकल पड़ीं इस कठिन रास्ते पर, तब से लेकर आज तक ये सिलसिला तल रहा है।
पद्मश्री से किया गया सम्मानित
सरकार ने डॉ. किरण मार्टिन के इस सराहनीय काम को देखते हुए उन्हें साल 2002 में पद्मश्री से नवाज चुकी है। मार्टिन के परिवार में उनकी दो बेटियां और उनके पति हैं जो इनके काम में मदद करते हैं।
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