जाने क्यों, मुलायम सिंह के खिलाफ इस विधवा ने दाखिल किया परिवाद?

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अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाने का विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ उस विधवा ने परिवाद दाखिल किया है। जिसके पति की मौत पुलिस की गोलियों से हुई थी।
दरअसल 23 नवम्बर को अपने जन्मदिन के दिन दिए गए अपने भाषण में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा चुनावों में मिली हार पर बोलते हुए कहा था कि इतनी कम सीटें तो अयोध्या में गोली चलवाने के बाद भी नहीं मिली थी।
मुलायम ने पहली बार दिया यह बयान
ऐसा नहीं है कि मुलायम ने यह बयान पहली बार दिया हो। इससे पहले भी मुलायम कारसेवकों पर गोली चलवाने की बात कह चुके हैं। लेकिन सपा संरक्षक द्वारा लगातार दिए जा रहे इस बयान से एक विधवा गायत्री देवी काफी आहत होती हैं और उनके 27 साल पुराने जख्म हरे हो जाते हैं। इसी वजह से गायत्री देवी ने इस बार फैजाबाद न्यायालय में परिवाद दर्ज कराया है।  दरअसल गायत्री के पति रमेश कुमार पाण्डेय की 2 नवम्बर 1990 में अयोध्या गोलीकांड के दौरान मौत हो गई थी।
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अपने परिवाद में उन्होंने कहा है कि मुलायम सिंह यादव गोली चलवाने की बात बार-बार कह कर उसके और उसके परिवार को दुख पहुंचाते हैं। इस बार जब उन्होंने खुद गोली चलवाने की बात कही है तो इसका साफ़ मतलब है कि मेरे पति की हत्या मुलायम सिंह यादव ने करवाई है। 2 नवम्बर 1990 में जो गोली चली थी उसीमें उसके पति की मौत हुई थी। इसलिए मुलायम सिंह दोषी है. उन्हें 302 और 120 B के तहत तलब कर दण्डित किया जाए।
हालांकि अभी परिवाद को लेकर जजमेंट सुरक्षित है, लेकिन माना जा रहा है कि इससे मुलायम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
अयोध्या में कारसेवकों का हुजूम उमड़ा
गौरतलब है कि 2 नवम्बर 1990 को अयोध्या में कारसेवकों का हुजूम उमड़ा था। हर कोई विवादित परिसर की तरफ भागा जा रहा था, इसी भीड़ में एक शख्स था अयोध्या का रहने वाला रमेश पाण्डेय। रमेश कारसेवकों की भीड़ देखने के लिए हमुनागढ़ी की तरफ जा रहे थे। तभी अचानक पूरी अयोध्या गोलियों की आवाजों से थर्रा उठी। पुलिस द्वारा चलाई गई गोली से रमेश की मौके पर ही मौत हो गई।
उस दिन कारसेवकों पर चली गोली पर सियासत आज भी जारी है। सियासी फायदे के लिए मुलायम से लेकर सभी लोगों ने इसे मुद्दा बनाया। लेकिन अब अपने जन्मदिन पर गोली चलवाने वाले बयान के बाद मुलायम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
किसी राजनीतिक पार्टी का हाथ
इस बार मुलायम के खिलाफ परिवाद दर्ज कराने में न तो किसी राजनीतिक पार्टी का हाथ है और न ही आम आदमी का। इस बार खुद अयोध्या गोलीकांड में अपने मांग का सिन्दूर लुटाने वाली वह विधवा है, जिसके सामने जब उसके पति की गोलीयों से छलनी  शव पहुंचा, तो उसके गर्भ में एक बच्चा था।
गायत्री देवी कहती हैं कि उसकी शिकायत ये है कि मुलायम सिंह ने खुद बीते 27 सालों में कई बार अयोध्या में गोली चलवाने को लेकर बयान दिया है। जब-जब वह ऐसा बयान देते हैं, उसके पति की मौत का दर्द फिर से ताजा हो जाता है। इस बार भी उन्होंने अपने जन्मदिन के दिन अयोध्या में गोली चलवाने की बात कही है। लिहाजा वह उसके पति की हत्या के भी जिम्मेदार है।
(साभार- न्यूज-18)

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