Mukhtar Ansari Death: जरायम की दुनिया के बेताज बादशाह की असहाय मौत
Mukhtar Ansari Death: कहा जाता है कि काल का भी अंत होता है आज वैसा ही हुआ. प्रदेश में कई बेगुनाहों को बिना कारण मौत की नींद सुलाने वाला दुर्दांत, सफेदपोश माफिया सरगना मुख्तार अंसारी एक असहाय मौत का शिकार हो गया. अंसारी के मौत की बाद जिले ही नहीं प्रदेश में कई परिवारों को मुक्ति मिली तो कई लोगों को अपनों की मौत का बदला मिला.
राजनीतिक पार्टियों में थी धाक
गौरतलब है कि प्रदेश की राजनीतिक पार्टियों में मुख्तार अंसारी की गहरी धाक थी. मुख़्तार अंसारी अपनी लहीम-सहीम कद-काठी के चलते जरायम की दुनिया का वो बेताज बादशाह हुआ करता था जिसकी आवाज ही खौफ का पर्याय हुआ करती थी. सरकारें बदली, मुख्यमंत्री बदले पर न बदला तो मुख़्तार का जलवा. कहा जाता है कि जेल से मुख़्तार ने आपराधिक हुकूमत चलाने का हुनर दुनिया को सिखाया. लेकिन सब कुछ जानते हुए भी प्रदेश सरकारों ने उन पर कोई ठोस कारवाही नहीं की. सभी को मुख्तार में रोबिन हुड दिखाई देता था.उस मुख्तार अंसारी को अपने वोट बैंक के लिए मुख्यमंत्री रहे मुलायम, मायावती, अखिलेश ने कभी कोई ‘हानि’ नहीं पहुंचाई.
कोर्ट में गिड़गिड़ाने के लिए किया मजबूर
बता दें कि प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद मुख्तार अंसारी ने अपनी जरायम की लंका को बनते, वैभवशाली होते फिर अपने ही सामने जमींदोज होते हुए देखा. वो अपनी कथित बादशाहत को खत्म होते हुए देखने के लिए मजबूर हुआ. यही कारण था कि मुख़्तार योगी सरकार में कोर्ट में जज के सामने गिड़गिड़ाया जिसे सभी ने देखा.
दंगों के बाद बना कौम का रहनुमा
मऊ दंगे के बाद मुख्तार को बचाने और उसके रुतबे को बढ़ाने के लिए सपा सरकार ने डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह को तो इतना प्रताड़ित किया कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया और उसके बाद पुलिस बल का मनोबल काफी गिर गया. इतना ही नहीं साल 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद पूर्वांचल में मुख्तार की समानांतर सरकार ही चलने लगी थी.
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मुख़्तार गैंग पर 150 से ज्यादा FIR
गौरतलब है कि अभी तक मुख़्तार गैंग पर 150 से अधिक फिर दर्ज है.कहा जा रहा है कि अब तक मुख्तार की करीब 586 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है जबकि 2100 से अधिक अवैध कारोबारों को बंद किया जा चुका है और बीते 18 महीनों में उसे 8 मामलों में सजा हुई है.