देश के सबसे अमीर शख्स की पत्नी करती हैं आम की खेती
मुकेश अंबानी उद्योग जगत का जाना-माना नाम जिसने जो भी काम किया उसमें सफलता को उस नाम के सामने घुटने टेकने ही पड़े। अंबानी के बिजनेस एंपायर में सैकड़ों चीजों का व्यापार होता है। सभी व्यापार ऐसे आगे बढ़ते हैं मानों उस बिजनेस को पर लग गए हो। अंबानी सिर्फ बड़ी चीजों का बिजनेस ही नहीं करते हैं, बल्कि आप को जानकर हैरानी होगी कि मुकेश अंबानी आम के बिजनेस के लिए भी विश्व प्रसिद्ध हैं।
मुकेश अंबानी के बिजनेस एंपायर में पेट्रोलियम, नेचुरल गैस, पेट्रोकेमिकल्स, टेलीकम्युनिकेशन, पॉलिएस्टर जैसी बड़ी-बड़ी चीजों के साथ-साथ आम भी शामिल है। जी हां, देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी आम भी बेचते हैं। मुकेश अंबानी की जामनगर (गुजरात) रिफाइनरी स्थित धीरूभाई अंबानी लखीबाग अमराई को एरिया के हिसाब से एशिया का सबसे बड़ा आमों का बाग माना जाता है।
लगभग 600 एकड़ में फैली इस अमराई में करीब डेढ़ लाख पेड़ हैं। इस अमराई की कमान मुकेश की वाइफ नीता अंबानी के हाथ है। यहां के ज्यादातर आम एक्सपोर्ट किए जाते हैं। विदेशों में रह रहे एनआरआई गुजरातियों के बीच भी इनकी अच्छी डिमांड है। मुकेश के पिता धीरूभाई अंबानी बहुत बड़े मैंगो लवर थे। उनकी याद में ही अमराई को उनका नाम दिया गया है।
खुद मुकेश भी आमों के बड़े शौकीन हैं।आम के पेड़ों की तादाद के मामले में रिलायंस ग्रुप की यह अमराई शहशांह अकबर को भी पीछे छोड़ चुकी है। दरअसल, अकबर ने 16वीं सदी में बिहार के भागलपुर में आम के एक लाख पेड़ लगवाए थे। उस जगह को लखीबाग नाम दिया गया था। अब अंबानीज के आम बाग में करीब डेढ़ लाख पेड़ हैं। यहां आम के पौधे लगाने का सिलसिला 1998 में शुरू किया गया था।
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2004 तक यहां एक लाख पेड़-पौधे पनप चुके थे। यहां 2005 से आम मिलना शुरू हो गए थे।जामनगर रिफाइनरी में स्थित यह अमराई 600 एकड़ में फैली है। यहां 127 तरह के आम उगाए जाते हैं। इस आमों के बाग के अलावा, 7500 एकड़ में फैली रिफाइनरी में 32 लाख पेड़-पौधे हैं। यहां आम के पेड़ कम दूरी पर लगाए गए हैं, इसलिए यह अमराई बहुत घनी है। पेड़ों को ऊपर से काट दिया जाता है। इसलिए यहां आम के पेड़ काफी छोटे हैं और कम जगह घेरते हैं।
अमराई के करीब 90 फीसदी हिस्से पर केसर आम के पेड़ हैं। अल्फांसो के बाद केसर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पसंद की जाने वाली भारतीय आमों की दूसरी प्रजाति है। ये आम पीले रंग में थोड़ी लालिमा लिए रहते हैं। इस अमराई में पर्पल कलर के आम भी देखे जा सकते हैं। इसे फ्लोरिडा के थॉमस एटकिंस ने डेवलप किया था। उनके नाम पर इन पर्पल मैंगो को टॉमी एटकिंस नाम दिया गया है। केसर आम विदेशों में बसे गुजरातियों द्वारा काफी पसंद किए जाते हैं। अंबानी की अमराई के प्रोडक्ट्स रेलुरे ब्रांड नेम से बेचे जाते हैं।