सावधान ! दुनिया में फ़ैल रही महामारी, जारी हुई ” Health Emergency”
दुनिया में एक बार फिर महा बीमारी ने दस्तक दे दी है. अब यह बीमारी चीन नहीं बल्कि मध्य और पूर्वी अफ़्रीका में फैली है जिसके मामले तेजी से फ़ैल रहे है. गौरतलब है कि यहाँ पर संक्रामक मंकी पॉक्स (MPox) के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है. इस महाबीमारी को देखते हुए WHO ने “पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी”घोषित कर दिया है.
WHO महानिदेशक ने दी जानकारी…
बता दें कि दुनिया में तेजी से फ़ैल रहे Mpox के मामलों पर WHO के महानिदेशक टेड्रॉस एडोनम गेब्रीयेसुस ने कहा, “एमपॉक्स के एक नए क्लेड का उभरना, कांगो गणतंत्र में इसका तेज़ी से फैलना और कई पड़ोसी देशों में इसके मामलों की जानकारी मिलना बहुत चिंताजनक है.”
इतना ही नहीं इससे पहले अफ़्रीका सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया था. सेंटर ने कहा था कि मंकी पॉक्स पिछली बार से ज़्यादा चिंताजनक है. ऐसा इसलिए क्योंकि नया वैरिएंट ज़्यादा घातक है.
इंसानों से इंसानों में फ़ैल रहा वायरस….
बता दें कि यह एक ऐसे बीमारी थी जो सबसे पहले जानवरों में होती थी और उससे इंसानों में फैलती थी लेकिन अब यह इंसानों से इंसानों में फ़ैल रही है. जो कि बहुत खतरनाक है. इस बीमारी में मंकीपॉक्स के वायरस है. ये चेचक जैसे ही वायरस के ग्रुप से है, लेकिन इसके मुकाबले काफ़ी कम हानिकारक है.
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में आम हैं मंकी पॉक्स…
अफ़्रीका सीडीसी ने कहा कि इन क्षेत्रों में यह बीमारी हर साल आती है और हजारों की जान चली जाती है.जिसमें मुख्या तौर पर 15 साल से कम उम्र के बच्चे प्रभावित होते है. CDC ने बताया कि इस समय दो दो स्ट्रेन मुख्त तौर पर फैल रहे हैं. ‘क्लेड-I’ ‘क्लेड Ib’ है.
अफ्रीकी सड़क ने जानकारी दी कि अभी तक आये कुल मामलों में 96 फीसदी मामले डीआर कांगो के हैं. साथ ही मंकी पॉक्स पड़ोसी देशों कीनिया, रवांडा, युगांडा और बुरुंडी जैसे देशों में फैल गया है जहां ये आम तौर पर स्थानिक नहीं है.
जानें क्या है मंकी पॉक्स के लक्षण…
Mpox में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और एक अलग तरह के दाने होते हैं, जो अक्सर चेहरे पर शुरू होते हैं और फिर पूरे शरीर में फैलते हैं. यह वायरस संक्रमित जानवरों, शारीरिक तरल पदार्थों या दूषित पदार्थों के सीधे संपर्क से मनुष्यों में फैलता है. वहीं सांस की बूंदों या छूने से भी व्यक्ति से व्यक्ति में फैल सकता है.
बताया गया कि एमपॉक्स के लक्षण दो से चार सप्ताह तक रहते हैं. Mpox आम तौर पर हल्का और दुर्लभ होता है. इससे मवाद से भरे घाव और फ्लू जैसे लक्षण भी हो सकते हैं. ज्यादातर लोगों को हल्के लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन कुछ लोगों की बीमारी इतनी गंभीर हो सकती है कि उन्हें चिकित्सा की जरूरत होती है. दूसरी ओर गर्भवती महिलाओं, बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में आमतौर पर वायरस का संक्रमण अधिक होता है.
जानें कैसे फैलता है मंकी पॉक्स…
बता दें कि यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है. इसमें यौन संबंध और चमड़ी से त्वचा का संपर्क शामिल है. शरीर में यह वायरस टूटी त्वचा के माध्यम से आंख, श्वसन तंत्र, नाक या मुंह में प्रवेश कर सकता है. साथ ही मंकी पॉक्स उन वस्तुओं को छूने से भी फैल सकता है जिसका कि संक्रमित शख़्स ने इस्तेमाल किया हो, जैसे कि बिस्तर, कपड़े और तौलिया.
इतना ही नहीं यह वायरस जानवर जैसे कि बंदर, चूहे और गिलहरी के संपर्क में आने से यह भी हो सकता है. साल 2022 में मंकी पॉक्स वायरस यौन संपर्क से अधिक फैला था.
किन पर संक्रमण का अधिक खतरा…
एक रिपोर्ट से पता चला है कि यह वायरस उन लोगों में अधिक पाया जाता है जो लोग यौन संबंध या गे है. कहने का मतलब यह है कि जो लोग एक से अधिक पार्टनर रखते है. या जिनके नए पार्टनर है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि मंकी पॉक्स से संक्रमित किसी व्यक्ति के क़रीब न जाएं और अगर आस पडोस में वायरस फैला हो तो साबुन से हाथ धोते रहें.
क्या है इसका इलाज?…
कहा जाता है कि इसे काबू पाने के लिए इसके संक्रमण को रोक कर ही इसमें काबू पाया जा सक्या है. इससे भी अच्छा है कि वैक्सीन लगवाया जाए. इस बीमारी की वैक्सीन होती हैं लेकिन ये इसकी पहुंच बहुत कम है जिसके चलते यह उन्हीं लोगों तक होती है जो ख़तरे में हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के क़रीबी होते हैं.