मोहन भागवत दोबारा सरसंघ चालक बने

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मोहन भागवत को दोबारा आरएसएस का चीफ बनाया गया है। लखनऊ में आरएसएस की एक गोपनीय बैठक बुलाई गई थी। जिसमें मोहन भागवत को देशभर के 1500 डेलीगेट्स ने वोट किया है। राजतिलक के बाद मोहन भागवत लखनऊ से रवाना हो गए हैं। एक न्यूज चैनल के हवाले से इस खबर को आप तक पहुंचाया जा रहा है।

आज की सबसे बड़ी खबर आ रही है कि आज लखनऊ में आरएसएस की एक गोपनीय बैठक बुलाई गई थी। जिसमें देशभर के कई दिग्गज संघ नेता मौजूद रहे। जिसमें आरएसएस चीफ के तौर पर एक बार फिर से मोहन भागवत को सरसंघ चालक बनाया गया है।

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लखनऊ में आयोजत की गई इस बैठक को बिल्कुल गोपनीय रखा गया था। इस बैठक में आरएसएस चीफ के पद को लेकर वोटिंग की गई। जिसमें मोहन भागवत के पक्ष में पूरे देश के करीब 1500 डेलीगेट्स ने वोट किया है। गौतलब है कि आरएसएस लगातार अपना विस्तार कर रहा है। दक्षिण भारत में भी आरएसएस ने अपने पैर मजा दिये हैं।

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बता दें कि मोहन भागवत को पूरा नाम मोहनराव मधुकरराव भागवत है। इनका जन्म महाराष्ट्र के चन्द्रपुर नामक एक छोटे से नगर में 11 सितम्बर 1950 को हुआ था। भागवत के पिता मधुकरराव भागवत चन्द्रपुर क्षेत्र के प्रमुख थे। जिन्होंने गुजरात के प्रान्त प्रचारक के रूप में कार्य किया। मधुकरराव ने ही लाल कृष्ण आडवाणी का आरएसएस से परिचय कराया था। मोहन भागवत 3 भाई और 1 बहन चारो में सबसे बड़े हैं।

मोहन भागवत ने चन्द्रपुर अपनी स्कूली शिक्षा और जनता कॉलेज चन्द्रपुर से बीएससी प्रथम वर्ष की शिक्षा पूर्ण की। भागवत ने पंजाबराव कृषि विद्यापीठ, अकोला से पशु चिकित्सा और पशुपालन में स्नातक की उपाधि ग्रहण की। वर्ष 1975 में जब देश तत्कालीन प्रधानमन्त्री इंदिरा गान्धी द्वारा लगाए गए आपातकाल से जूझ रहा था, उसी समय मोहन भागवत स्नातकोत्तर अधूरा छोड़कर संघ के पूर्णकालिक स्वयंसेवक बन गये।

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