मोबाइल डेटा प्लान अब पांच गुना तक हो सकता है महंगा
पहले से ही महंगा डेटा प्लान लोग झेल रहे हैं
लगता है सस्ते मोबाइल डेटा के हमारे आपके दिन लदने वाले हैं।अब आपको मोबाइल डाटा यूज करना और भी महंगा साबित हो सकता है। टेलीकॉम रेग्यूलेटर बॉडी TRAI फ्लोर प्राइसिंग लाने की तैयारी में है और रिलायंस जियो ने फ्लोर प्राइस बढ़ाने का सुझाव दिया है।
पहले से ही महंगा डेटा प्लान लोग झेल रहे हैं
हाल ही में महंगा टैरिफ का करंट झेल रहे मोबाइल कस्टमर के लिए और भी बुरी खबर है। अब आपको मोबाइल डाटा यूज करना और भी महंगा साबित हो सकता है। टेलीकॉम रेग्यूलेटर बॉडी ट्राई फ्लोर प्राइसिंग लाने की तैयारी में है और रिलायंस जियो ने फ्लोर प्राइस बढ़ाने का सुझाव दिया है। रिलायंस जियो का कहना है कि शुरुआत में डेटा के लिए 15 रुपये प्रति जीबी फिक्स करना चाहिए। रिलायंस जियो की ओर से ट्राई को सुझाव दिया गया है कि छह से नौ महीने बाद इसे बढ़ाकर 20 रुपये प्रति जीबी भी किया जा सकता है। रिलायंस ने यह भी कहा है कि भारतीय कस्टमर्स प्राइस सेंसिटिव हैं। फ्लोर प्राइस बढ़ाने के लिए एक बार में टैरिफ न बढ़ाने की की सलाह दी गई है। रिलायंस जियो का कहना है कि कुछ समय के अंतराल पर फ्लोर प्राइस बढ़ाया जाए।
टेलीकॉम कंपनियों को सरकार को हजारों करोड़ रुपये देने हैं
टेलीकॉम कंपनियों को इस समय सरकार को हजारों करोड़ रुपये देने हैं और इस कारण वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियां अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं। ट्रई एक कंस्लटेशन पर काम कर रही है, जिससे इन्हें रिवाइव किया जा सके।
1 जीबी डेटा का प्राइस 35 रुपये करने की मांग
वोडफोन आइडिया ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम को पत्र लिखकर कहा है, 1 जीबी डेटा का मिनिमम प्राइस 35 रुपये कर देनी चाहिए, जबकि अभी आप 1 GB डेटा के लिए 4 से 5 रुपये खर्च करते हैं। 1 जीबी डेटा का मिनिमम प्राइस 35 रुपये की तरह वोडाफोन आइडिया ने भी फ्लोर प्राइसिंग के तहत डेटा की कीमतों में इजाफा करने की सिफारिश की है। जाहिर है इस बारे में कुछ दिनों में फैसला आ जाएगा।
दोनों कंपनियों की सिफारिश पर ट्राई बीच का रास्ता निकालती है तो भी डेटा की कीमतें बढ़ेंगी। डेटा प्राइस बढ़ने से आपका मोबाइल रिचार्ज प्लान सीधे-सीधे प्रभावित होगा और यह कई गुना अधिक हो सकती हैं।
हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि यह कब से लागू होगा, लेकिन टेलीकॉम इंडस्ट्री के हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि मोबाइल डेटा यूज करना अब और भी महंगा हो जाएगा। भारत में अभी गिनती की टेलीकॉम कंपनियां बची हैं, लिहाजा आपके पास विकल्प भी कम होंगे।