Delhi MCD Mayor: भारतीय जनता पार्टी के पार्षद राजा इक़बाल सिंह दिल्ली के नए मेयर बन गए हैं. इक़बाल सिंह को 133 वोट मिले जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार को महज 8 वोट मिले हैं. हालांकि इस चुनाव से AAP ने दूरी बना ली थी और पार्टी ने कोई भी उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा था.
AAP ने क्यों बनाई चुनाव से दूसरी…
बता दें कि अब आम आदमी पार्टी ने चुनाव से दूरी बनाई की बात स्वीकार की है. उन्होंने कहा कि बीजेपी उनके पार्टी के पार्षदों को डरा-धमकाकर, लालच देकर अपनी पार्टी की तरफ खींच रही थी. इसलिए हमने चुनाव से दूरी बनाने का फैसला किया. इस फैसले के बाद BJP ने मेयर और डिप्टी मेयर के नाम का एलान किया था. राजा इक़बाल सिंह मेयर और जय भगवन यादव को डिप्टी मेयर के पद पर भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया.
अकाली राजनीति से बीजेपी में कदम…
बता दें कि राजा इक़बाल सिंह पहले अकाली राजनीति में थे. BJP में उनका तेजी से उदय हुआ है. उनके ससुर भी GBT नगर से पार्षद रह चुके हैं लेकिन उनके सेल अभी भी अकाली राजनीति में सक्रीय है. इतना ही नहीं राजा इक़बाल सिंह भी GBT नगर से पार्षद रह चुके हैं. वह सितंबर 2020 तक निगम के सिविल लाइंस जोन के प्रमुख भी रहे. उसी महीने में शिरोमणी अकाली दल ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से कृषि कानूनों के विरोध में समर्थन वापस ले लिया था.
इसके बाद अकाली दल ने राजा इकबाल सिंह से उन पदों से इस्तीफा देने को कहा था लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था. इसके नौ महीने बाद बीजेपी ने उन्हें उत्तर दिल्ली नगर निगम का मेयर बना दिया. यह वही दौर था, जब दिल्ली में अकाली राजनीति कमजोर हो रही थी और अकाली नेता एक-एक कर बीजेपी में शामिल हो रहे थे. राजा इकबाल सिंह ने भी मौके का फायदा उठाया था.
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दिल्ली में मेयर का चुनाव कब होता है
दिल्ली में मेयर का चुनाव हर वित्त वर्ष की पहली बैठक में होता है. यह बैठक आमतौर पर अप्रैल में आयोजित की जाती है. चुनाव होने तक मौजूदा मेयर पद पर बने रहते हैं. वर्तमान में आप के महेश खींची दिल्ली के मेयर हैं. इस साल 11 अप्रैल को जारी आदेश में एमसीडी सचिव ने चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था.
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दिल्ली में मेयर का पिछला चुनाव नवंबर 2024 में हुआ था, क्योंकि अप्रैल 2024 में उस समय के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के कारण समय पर मंजूरी नहीं मिल पाई थी. इस साल मेयर पद सभी पार्षदों के लिए खुला है, क्योंकि पहले कार्यकाल में महिलाओं और तीसरे कार्यकाल में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण लागू होता है. इस बार कोई आरक्षण लागू नहीं है.