शादी के 7 साल बाद पता चला की दोनों हैं जुड़वा भाई-बहन
जरा सोचिए कि अगर आपकी पत्नी कुछ सालों बाद आपकी बहन निकले को आपको कैसा लगेगा..यह सुनकर शायद आपको कुस्सा भी आए लेकिन यह सौ फीसदी सच है। एक दंपत्ति के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। जिसके बाद वह हैरान है कि अब क्या करे।
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दरअसल अमेरिका में बच्चे की चाह रखने वाला एक दंपति उस वक्त हैरान रह गया जब डीएनए परीक्षण में उनके जुड़वां भाई बहन होने का पता चला। यह दंपत्ति एक क्लीनिक में इस उम्मीद में पहुंचा था कि वहां उसके बच्चे की चाह पूरी होगी।
लेकिन क्लीनिक के चिकित्सक ने इस हैरतअंगेज घटना का खुलासा किया और पूरी घटना के बारे में विस्तार से बताया। डॉक्टर ने दंपत्ति को बताया, ‘यह एक सामान्य बात है और आमतौर पर आप दोनों के बीच संबंध है या नहीं यह पता लगाने के लिए परीक्षण नहीं करते, लेकिन इस मामले में लैब असिस्टेंट दोनों प्रोफाइलों में काफी समानताए देखकर आश्चर्य चकित रह गया।
‘उन्होंने कहा, मेरी पहली टिप्पणी यह थी कि दोनों के बीच ज्यादा करीबी संबंध नहीं होंगे, जैसा कि कई बार होता है कि दोनों चचेरे भाई बहन हो सकते हैं। हालांकि नमूनों का गहराई से निरीक्षण करने के बाद पता चला कि दोनों में बहुत ज्यादा समानताएं हैं। इसके बाद चिकित्सक ने मरीजों की फाइलों को देखा और यह पाया कि दोनों की जन्म की तारीख वर्ष 1984 में एक सी है।
उन्होंने कहा, इसको ध्यान में रखते हुए मुझे यह विश्वास हो गया कि दोनों मरीज जुड़वां हैं। हालांकि चिकित्सक को यह मालूम नहीं था कि दंपत्ति इस बात को जानते हैं अथवा नहीं। अगली बार जब वह डॉक्टर के पास पहुंचे तो डॉक्टर ने जो बात बताई उस पर दोनों को विश्वास ही नहीं हुआ और दोनों जोर से हंस पड़े।
डॉक्टर की बात सुनने के बाद पति ने बताया कि कई लोगों ने उनसे कहा था कि दोनों के बीच काफी समानताएं हैं, जैसे कि उनका जन्मदिन एक ही तारीख को है, दोनों दिखते भी एक जैसे ही हैं. लेकिन उन्होंने इसे एक संयोग ही माना। डॉक्टर ने कहा, पत्नी लगातार यह कहती रही कि मैं यह स्वीकार करूं कि यह एक मजाक है और मैं भी चाहता था कि यह मजाक ही हो लेकिन उन्हें सच्चाई बतानी थी।
जांच से पता चला कि जब दोनों बच्चे थे तभी सड़क दुर्घटना में उनके माता पिता की मौत हो गई थी। जिसके बाद उन्हें कोई परिवार गोद लेने के लिए तैयार नहीं हुआ और दोनों को राज्य की देखरेख में भेज दिया गया और वहां से उन्हें दो अलग अलग परिवारों को गोद दे दिया गया, लेकिन उन परिवारों को यह बताया ही नहीं गया कि उस बच्चे का जुड़वां भाई या बहन भी है।