Maldives Controversy: भारत से दुश्मनी मालदीव को कर देगा बर्बाद !

पर्यटन के साथ इन चीजों पर भी पड़ेगा असर

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Maldives Controversy:  पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव सरकार के मंत्री मरियम शिउना और दूसरे नेताओं की आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर यह विवाद सरहद के आर-पार हो गया है. मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपित बनने के बाद से लगातार मालदीव और भारत के रिश्तों में खटास देखी जा रही है.

ऐसे में भारत के खिलाफ यह टिप्पणी वैसे तो दोनों ही देशों को प्रभावित करेगी, लेकिन इस में सबसे ज्यादा नुकसान मालदीव को उठाना पड़ेगा. क्योंकि, मालदीव के टूरिज्म में भारत पर्यटकों की संख्या सर्वाधिक है, जिनमें ज्यादा से ज्यादा यहां के सेलिब्रिटी पहुंचते है. विवाद के बाद मालदीव को लेकर सेलिब्रिटी में नाराजगी देखी जा रही है.

#BycottMaldives ट्रेड कर रहा बदनाम

इस विवाद के बाद भारत में एक्स पर लगातार #BycottMaldives ट्रेड कर रहा है. इस बीच मालदीव की मोहम्मद मुइज़्ज़ू सरकार नुक़सान की भरपाई की कोशिश में जुट गई है. मालदीव सरकार ने पहले एक बयान जारी कर ख़ुद को मंत्रियों की टिप्पणी से अलग किया. इसके साथ ही मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा का मजाक उड़ाने वाले कमेंट्स की निंदा भी की. उन्होने कहा कि, ”मंत्री मरियम शिउना की भाषा भयानक थी. ये सब बातें प्रमाण हैं कि चीन के बहकावे में आकर मालदीव, भारत से दुश्मनी मोल नहीं ले सकता”. ऐसे में यह पूरा विवाद किस तरह से मालदीव को भारी पड़ने वाला है, आइए समझते हैं….

भारतीय टूरिस्टों की कमी से मालदीव की पर्यटन अर्थव्यवस्था होगी ठप

मालदीव की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है. टूरिज्म इस देश की अर्थव्यवस्था का 28 प्रतिशत हिस्सा है. वहीं पर्यटन क्षेत्र फॉरेन एक्सचेंज का 60% योगदान देता है. मालदीव पर्यटन विभाग के अनुसार 2023 में यहां आए पर्यटकों में सबसे अधिक भारतीय थे. रूसी और चीनी पर्यटकों का अगला स्थान है. पिछले साल 2023 में सबसे ज्यादा 2 लाख 9198 भारतीय पर्यटक मालदीव गए थे. ताजा बहस के बाद मालदीव और लक्षद्वीप को सोशल मीडिया पर बायकॉट किया जा रहा है.

ऐसे में हजारों भारतीयों ने मालदीव के लिए अपने विमान और होटल के बुक टिकटों को कैंसल करा दिया है. मालदीव में टूरिज्म सबसे बड़ा रोजगार का स्रोत है. मालदीव के लोगों के लिए रोजगार का सबसे बड़ा आधार भी टूरिज्म ही है. यहां रोजगार में टूरिज्म का योगदान एक तिहाई से ज्यादा का है. वहीं पर्यटन से जुड़े सेक्टर्स को शामिल कर ले तो वहां के कुल रोजगार में टूरिज्म की हिस्सेदारी लगभग 70 फीसदी है. अब आप खुद ही समझ सकते है कि भारतीय पर्यटकों का मालदीव न जाने से वहां की टूरिज्म इंडस्ट्री तबाह हो जाएगी.

भारत का मालदीव अर्थव्यवस्था में योगदान

मालदीव में लगभग 2600 भारतीय रहते हैं, ये लोग मालदीव की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. भारतीय कंपनी एफकॉन्स ने 2021 में मालदीव का सबसे बड़ा इंफ्रास्क्चर प्रोजेक्ट ग्रेटर माले कनेक्टिविटी बनाया. इसके अलावा, भारत ने मालदीव को कई बार मदद की है. भारत सरकार ने 1988 में ऑपरेशन कैक्टस की कोशिश को नाकाम करने में मालदीव सरकार की मदद की थी. 2014 में ऑपरेशन नीर ने मालदीव को पेयजल उपलब्ध कराया था. वहीं, कोविड-19 के दौरान मालदीव को दवाईयां दी गईं.

इंफ्रा प्रोजक्ट्स पर पड़ेगा असर

भारत ने मालदीव के कई सारे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में पैसा लगा रखा है, मालदीव में भारत का अब तक का सबसे बड़ा ग्रांट प्रोजेक्ट नेशनल कॉलेज फॉर पुलिसिंग एंड लॉ एनफोर्समेंट है. यह प्रोजेक्ट 222.98 करोड़ रुपए का है. इसका उद्घाटन विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने अपने मालदीव दौरे पर किया था. भारत सरकार 8.95 करोड़ रुपये की भारतीय ग्रांट के तहत माले में हुकुरु मिस्की की बहाली का भी समर्थन कर रही है जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने जून 2019 में की थी.

खाने के पड़ेंगे लाले

मालदीव भारत से चावल, फल, सब्जियां, पोल्ट्री उत्पादों और मसाले खरीदता है. भारत से मालदीव फार्मास्यूटिकल्स, इंजीनियरिंग और औद्योगिक उत्पाद भी खरीदता है. वहीं भारत स्क्रैप धातु मालदीव से आयात करता है. साल 2021 में भारत मालदीव के तीसरे सबसे बड़े व्यापार भागीदार बनकर उभरा था. ऐसे में इन चीजों पर भी असर देखने को मिलेगा.

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भारत से मालदीव के व्यापारिक रिश्ते होंगे खराब

पिछले कुछ वर्षों में भारत का मालदीव के साथ व्यापार तेजी से बढ़ा है. मालदीव कस्टम सर्विस के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2018 में 28.61 करोड़ डॉलर का सामान मालदीव से निर्यात किया और 30.1 करोड़ डॉलर का आयात किया था. यह क्रमशः बढ़ा है साल 2022 में भारत ने मालदीव से 64.2 लाख डॉलर का सामान आयात किया और 49.54 करोड़ डॉलर का निर्यात किया. 2023 में सिंतबर तक भारत का मालदीव को 41.02 करोड़ रुपये का सामान निर्यात हुआ. इसके अलावा, आयात 61.9 लाख डॉलर था. हाल ही में हुई बहस से इन आंकड़ों में कमी आने की आशंका है. मालदीव की अर्थव्यवस्था इससे बहुत प्रभावित होगी.

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