देखें वीडियो, पत्रकारों को कैसे पीटती है अखिलेश की दबंग पुलिस

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उत्तर प्रदेश में अपराधियों और दबंगों के हौसले इतने बुलंद है कि राज्य में आए दिन पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं। हाल ही में 15 मई को एक अखबार के ब्यूरों चीफ को अज्ञान हमलावरों ने गोली मारकर फरार हो गए। तो वहीं मंगलवार को लखनऊ के बक्सी का तालाब में एक पत्रकार को थानाध्यक्ष ने सिपाही से जमकर पीटवाया।

मंगलवार को लखनऊ के जिलाधिकारी राज शेखर बक्सी का तालाब का निरीक्षण करने वाले थे। इस मौके पर अन्य पत्रकारों के साथ पत्रकार शनि कुमार वैद्य भी कवरेज के लिए उपस्थित थे। इस अलावा डीएम की आने की खबर पाकर अगल-बगल के ग्रामीण भी अपनी फरियाद लेकर पहुंचे थे। इसी बीच कुछ देर बाद वहां ग्रामीण महिलाओं के साथ कुछ दबंग छेड़छाड़ करने लगे। जबकि घटनास्थल पर थानाध्यक्ष सहित तमाम पुलिस फोर्स मौजूद थी, लेकिन किसी ने इसका विरोध नहीं किया।

पुलिस को तमाशबीन देश जब पत्रकार शनि कुमार ने दबंगों का विरोध करना शुरू किया, तो थाना प्रभारी विजय शंकर यादव के आदेश पर सिपाही सुधांशु मिश्रा ने पत्रकार को ही पीटने लगा। जबकि वहां पर मौजूद थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मा मूकदर्शक बनकर खड़ी रही।

आरोपियों के खिलाफ होगी कठोर कार्रवाई

जर्नलिस्ट कैफे से खास बातचीत में एडीजी (कानून-व्यवस्था) दलजीत सिंह चौधरी ने कहा कि घटना बेहद ही दु:खद व निंदनीय है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मामले की जांच कराकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आईजी ने दिए जांच के आदेश

लखनऊ के आईजी जोन ए सतीष गौड़ ने जर्नलिस्ट कैफे से बातचीत में इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि घटना की जांच एसपी ग्रामीण को सौंप दी गई और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ जांच कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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सरकार ने की निंदा

जर्नलिस्ट कैफे ने उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी से भी इस मामले में बात की। राजेन्द्र चौधरी ने इस घटना की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंब्भ पर हो रही ऐसी घटनाओं पर अखिलेश सरकार बेहद गंभीर है। चौधरी ने कहा कि सरकार जल्द ही इस घटनाक्रम की जांच कराकर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

BEA ने जताया दुख

ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन के महासचिव एन के सिंह ने कहा कि यह घटना बेहद ही निंदनीय है। देश में पत्रकारों पर हो रहे हमले के केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों को भी गंभीर होने की जरूरत है। ताकि देश के अलग-अलग राज्यों में आए दिन पत्रकारों पर हो रहे हमलों पर लगाम लग सके।

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