फिर बिगड़ी लाल कृष्ण आडवाणी की तबीयत, अपोलो में भर्ती
15 दिनों में यह दूसरी बार है जब भाजपा के दिग्गज और वरिष्ट नेता लाल कृष्ण आडवाणी की तबीयत बिगड़ी है. इसके चलते उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बीते बुधवार को रात लगभग नौ बजे तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल ले जाया गया जहां जांच के बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया. अपोलो के डॉ. विनीत सूरी उनका उपचार कर रहे हैं. ताजा जानकारी के अनुसार उनकी हालत फिलहाल सामान्य और स्थिर बनी हुई है. उन्हें डॉक्टर की निगरानी में रखा गया है. इससे पहले 96 वर्षीय लाल कृष्ण आडवाणी को आयु संबंधित दिक्कत होने पर कुछ दिन पहले एम्स में भर्ती कराया गया था. बाद में तबीयत सामान्य होने पर डॉक्टर ने उन्हें घर भेज दिया था, लेकिन एक बार उन्ही दिक्कतों की वजह उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
यूरिन में दिक्कत के चलते कराया गया था भर्ती
बीते 26 जून को आडवाणी जी के यूरिन संबंधी दिक्कत होने के चलते उन्हें उपचार के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उस दिन भी रात के तकरीबन साढे दस बजे अचानक से उनके यूरिन में दिक्कत शुरू हो गयी थी, जिसके बाद उनके परिवार वाले उन्हें एम्स ले गए जहां उन्हें प्राइवेट वॉर्ड में एडमिट कर लिया गया था. उस दौरान उनका इलाज यूरोलॉजी विभाग में चला था, क्योंकि उन्हें यूरिन में परेशानी हो रही थी. इसके साथ ही अस्पताल में कई प्रकार की जांच और उपचार के बाद तबीयत स्थिर होने पर उन्हें दूसरे ही दिन यानी 27 जून को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी.
इसी साल भारत रत्न से हुए सम्मानित
इसी साल आडवाणी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. बता दें कि तबीयत खराब होने के कारण आडवाणी ने राष्ट्रपति भवन में हुए कार्यक्रम में भाग नहीं लिया, इसलिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें 30 मार्च को उनके घर पर भारत रत्न से सम्मानित किया था. उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और लालकृष्ण आडवाणी के परिवार के सदस्यों ने औपचारिक समारोह में हिस्सा लिया था.
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2015 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित
साल 2015 में आडवाणी को देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया था. इसके आलावा साल 2002 से 2004 तक लालकृष्ण आडवाणी भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री रहे हैं. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सह-संस्थापकों में से एक हैं. साल 1998 से 2004 तक लालकृष्ण आडवाणी सबसे लंबे समय तक गृह मंत्री रहे हैं. वह भी लोकसभा में सबसे लंबे समय तक विपक्ष के नेता भी रहे हैं. उन्होंने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी नेता की भूमिका निभाई थी. 25 सितंबर 1990 को आडवाणी ने अपनी पहली राम रथयात्रा गुजरात के सोमनाथ से शुरू की जो अयोध्या में समाप्त हुई थी. वर्तमान दिनों की बात करें तो, वे सोशल मीडिया और सक्रिय राजनीति से दोनों से काफी दूर बने हुए हैं.