Laapata Sitaare: क्यों लगा जुगुल हंसराज पर मनहूस का दाग ?

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Laapata Sitaare: मुंबई की मायानगरी में हर कोई एक ब्रेक मिलने की जद्दोजहद में लगा रहता है. हजारों आंखें हर रोज रेड कार्पेट पर उतरने का ख्वाब की नींद सोती है और दूसरी सुबह फिर एक नए काम की तलाश में जगती है. सालों-साल यह सिलसिला यूं ही चलता रहता है. ऐसे में कुछ को मंजिल मिलती है और कुछ बस सफर में ही रह जाते हैं. लोग इन लोगों को बदकिस्मत कहते हैं, लेकिन बॉलीवुड में एक हिस्सा और भी है जो इन से भी ज्यादा बदकिस्मत है. वह हिस्सा ऐसे सितारों का है जिनकी किस्मत रंग लाई और ब्रेक भी मिला. यहां तक उन्होंने हिट फिल्म भी या यूं कहे कि ब्लाकबस्टर फिल्म भी दी. लेकिन फिर भी उनकी किस्मत का सूरज उग न पाया और वे बॉलीवुड की चमचमाती इंड्रस्टी में कहां गुम हो गए किसी को खबर भी नहीं…

जर्नलिस्ट कैफे की इस सीरिज में हम ऐसे ही लापता सितारो की बात करने जा रहे हैं, जो हिट फिल्म देने के बाद अपनी किस्मत के सूर्य का उदय नहीं कर पाए और बॉलीवुड की इस भीड़ में कहीं लापता हो गए. आज वे कहां हैं ,किस हाल में हैं शायद ही कोई जानता हो. इस कड़ी के सातवें एपिसोड में आज हम बात करने जा रहे हैं फिल्म मोहब्बतें के चॉकलेटी अभिनेता जुगुल हंसराज के बारे में….

बाल कलाकार के तौर पर रखा था इंड्रस्टी में कदम

फिल्म मोहब्बते से बॉलीवुड इंड्रस्टी में जगह बनाने वाले अभिनेता जुगुल हंसराज तो आपको याद ही होंगे और न भी याद हो तो क्या आपको मोहब्बतें के चॉकलेटी बॉय समीर तो याद ही होगा. आखिर उस खूबसूरत और मासूम से एक्टर को कोई कहां ही भूल सकता है. यूं तो जुगुल हंसराज ने अपने कैरियर में कम फिल्में दी है, लेकिन वे अपनी बंद हुई फिल्मों की वजह से काफी चर्चा में रहे थे. बताते हैं कि उस समय में जुगुल की करीब 30-45 फिल्में बंद हो गयी थी, जिसकी वजह से लोग उन्हें मनहूस भी कहने लगे थे. इससे निराश होकर वह फिल्मों से दूर हो गए और आज वे कहां है, कैसे हैं आइए जानते हैं…

साल 1972 में मुंबई में जन्में जुगुल हंसराज ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत बाल कलाकार के तौर पर की थी. बाल कलाकार के तौर पर उनकी पहली फिल्म मासूम थी जिसमें उनके अभिनय को काफी पसंद किया गया था. इसके साथ ही उनके करियर ने रफ्तार पकड़ी और बचपन में ही उन्हें कई सारी फिल्में करने का मौका मिला. इनमें झूठा सच, लोहा, कर्म और हुकूमत जैसी फिल्में शामिल हैं. वयस्क होने पर उन्होंने साल 1994 में आ गले लग जा फिल्म से वापसी की थी, जो कुछ खास कमाल नहीं कर पायी. हालांकि, इस फिल्म में उन्हें काफी पसंद किया गया था जिसकी वजह से उन्हें कई सारी फिल्में करने का मौका मिला. लेकिन इन फिल्मों से जुगुल को कुछ खास सफलता हासिल न हो पाई.

फिल्म मोहब्बतें ने दिलाई थी पहचान

इसके बाद साल 2000 में आई फिल्म मोहब्बतें में वह समीर के किरदार में नजर आए जुगुल हंसराज को न सिर्फ पसंद किया गया, बल्कि इस फिल्म ने उन्हें पहचान दिलाने में भी मदद की . इसके बाद बैक टू बैक उन्हें 30 से 35 फिल्मों के ऑफर मिलें लेकिन ये फिल्में आगे नहीं बढ़ पायी और जिसकी वजह से उन्हें लोगों के काफा ताने भी सुनने को मिले.

इस बात का खुलासा उन्होंने एक इंटरव्यू में करते हुए बताया था कि, 18 साल की उम्र में डायरेक्टर मनमोहन देसाई ने उन्हें एक फिल्म का ऑफर दिया था. वह इससे खुश थे और उन्होंने ऑफर को हां कह दिया था . हालांकि वह फिल्म तब बन नहीं पाई. इसके बाद उन्होंने एक दूसरी फिल्म साइन की लेकिन उसका भी कुछ नहीं हुआ. अंत में ‘आ गले लग जा’ उनकी डेब्यू फिल्म बनी.

इस वजह से बंद हुई थी 30-40 फिल्में

इसके आगे उन्होंने बताया कि, साल 1996 में आई फिल्म ‘पापा कहते हैं’ की सफलता के बाद उन्होंने कई फिल्मों को साइन किया था लेकिन कोई भी बन नहीं पाई. इसलिए उनके नाम कम फिल्में हैं. इस इंटरव्यू में जुगल हंसराज से पूछा गया था कि क्या सही में एक समय पर उनकी 35 से 40 फिल्में बंद हो गई थीं.

इसका जवाब उन्होंने हां में दिया था और कहा कि, ये सच है. एक समय आया था जब मैं बैठकर गिन रहा था कि मैंने कितने प्रोजेक्ट साइन किए हैं. 90 से 2000 के बीच कई प्रोजेक्ट मैंने कॉन्ट्रैक्ट साइन ही नहीं, बल्कि हाथ मिलाकर पाए थे. तब जुबानी बातें होती थीं. उस वक्त में मेरे पास कई प्रोजेक्ट्स थे. कुछ के लिए बातें कॉस्टयूम ट्राई करने और शूटिंग की तैयारी तक भी पहुंच गई थीं. लेकिन किसी ना किसी कारण से ये प्रोजेक्ट नहीं बन पाए. इसमें किसी की गलती नहीं थी, बस ये नहीं हो पाया.’

क्यों कहने लगे थे लोग मनहूस ?

उन्होंने आगे बताया था, ‘मेरे पास मनमोहन देसाई, रमेश सिप्पी, यश जौहर जी, महेश भट्ट, मुकेश भट्ट समेत कई बड़े फिल्म मेकर्स की फिल्में थीं. लेकिन एक भी बन नहीं पा रही थी. इसलिए इस वजह से मैंने दूसरी फिल्में साइन करना बंद कर दिया था, क्योंकि मेरी पहली कमिटमेंट पूरी नहीं हुई थीं. ये बहुत मुश्किल समय था. इंतजार का वो समय प्रोफेशनल के साथ-साथ फाइनेंशियल तौर पर भी मेरे लिए चैलेंज भरा साबित हुआ था.’

जुगल हंसराज ने इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उनकी फिल्मों के बंद हो जाने की वजह से लोगों ने उन्हें खरी-खरी सुनानी शुरू कर दी थी. उन्होंने कहा, ‘मुझे कई नामों से बुलाया गया है. मनहूस कहा गया है. मैं किसी दूसरी फिल्म के इवेंट पर जाता तो ताने मारे जाते. जब मैं 18-19 साल का था तो मुझे इन बातों से फर्क पड़ता था और मैं रोने लगता था. बाद में मुझे ये सुनने की आदत हो गई कि जो फिल्म मैंने साइन की थी, वो अब नहीं बन रही.’

आज कहां है जुगुल हंसराज

एक्टिंग में असफल होने के बाद जुगुल हंसराज ने डॉयरेक्शन में भी हाथ आजमाया. लेकिन उसमें भी कुछ खास सफलता हासिल न होने से परेशान होकर उन्होंने फिल्मी जगत से पूरी तरह से दूरी बना ली. एक लंबे समय तक इंड्रस्टी से दूर रहने के बाद साल 2022 में नेटफ्लिक्स की सीरीज ‘मिसमैच्ड’ से उन्होंने अपना ओटीटी डेब्यू किया था, जिसके बाद वे लस्ट स्टोरीज 2 में भी नजर आए थे. वहीं बात करें अगर पर्सनल लाइफ की तो, जुगुल ने साल 2014 में न्यूर्याक की एक एनआरआई जैस्मीन ढिल्लों से शादी कर ली, जो एक इन्वेस्टमेंट बैंकर हैं. इस शादी से उन्हें एक बेटा भी है, जिसका नाम सिदक है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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