जानें गर्मी में क्यों हो जाती है यूटीआई की दिक्कत ?

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गर्मी के मौसम में कई तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है. धूप और भीषण गर्मी लोगों को काफी नुकसान पहुंचाती है. ऐसे में इस साल तो गर्मी ने सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए है, जिसकी वजह से हीट स्ट्रोक समेत कई बीमारियों से लोग पीडित हो रहे हैं. इसके अलावा आज कई लोगों को यूटीआई भी प्रभावित करता है. महिलाओं में यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन सबसे आम दिक्कत होती है. यह पुरुषों पर भी लागू होता है, लेकिन यह महिलाओं में अधिक आम है. इसके मामले खासकर गर्मियों में काफी बढ़ जाते हैं. गर्मियों में यूटीआई के मामलों में वृद्धि की कई वजह हो सकती हैं, जिनमें डिहाइड्रेशन और अधिक पसीना आना शामिल हैं. ऐसे में आज हम बताने जा रहे है कि, आखिर क्यों गर्मी के मौसम में यूटीआई की समस्या हो जाती है और इससे कैसे बचा जा सकता है ?

क्या है यूटीआई

यूटीआई, जिसे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन भी कहा जाता है. यह किडनी, यूट्रस, ब्लैडर और यूरेथ्रा समेत यूरिनरी सिस्टम के किसी भी पार्ट में होने वाला इन्फेक्शन है. यह आमतौर पर तब होता है, जब बैक्टीरिया डाइजेस्टिव ट्रैक्ट से यूरेथ्रा के जरिए यूरिनरी ट्रैक्ट में एंट्री करता है. इसकी वजह से यूरिन करते समय दर्द या जलन की शिकायत होती है. इसके कई लक्षण होते हैं…जैसे-

यूरिन की तीव्र और निरंतर इच्छा
यूरिन में जलन और दर्द
जल्दी-जल्दी पेशाब होना
यूरिन में गंध आना
पेशाब में रक्तस्राव
पेडू दर्द
पीठ दर्द और बाजू दर्द
बुखार और ठंड

गर्मी में क्यों बढ़ जाती है यूटीआई की दिक्कत ?

यूटीआई की दिक्कत अक्सर गर्मी के मौसम में देखने को मिलती है.यह जून, जुलाई और अगस्त के माह के बीच में होती है, क्योंकि ये साल के सबसे गर्म महीने होते हैं. इसी दौरान महिलाओं और पुरूषों में यूटीआई की दिक्कत हो जाती है. हालांकि, पुरूषों की तुलना में महिलाएं अधिक इस दिक्कत का सामना करती है और यह गर्मी में इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि, इस मौसम में पसीना अधिक निकलता है, जिससे डिहाइड्रेशन होता है और यूरिन उत्पादन कम होता है.

इससे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा मिलता है. इसके अलावा, गर्मी और नमी बढ़ने से कीटाणुओं का पनपना भी आसान हो जाता है, जो यूटीआई का खतरा बढ़ाते है. राहत की बात यह है कि अधिकांश यूटीआई घातक नहीं होते और दवाओं से उनका इलाज किया जा सकता है.

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यूटीआई से ऐसे करें बचाव

-यूरिन को कभी भी लंबे समय तक बंद न रखें, खासकर अगर आप पहले से ही यूटीआई से परेशान है. इससे बैक्टीरिया ब्लैडर में फैल सकते हैं.
-प्राइवेट क्षेत्रों को सूखा रखने और बैक्टीरिया को फैलने से बचाने के लिए गर्मियों में ढीले-ढाले, सूती कपड़े और अंडरवियर चुनें.
-यौन सम्पर्क के तुरंत बाद यूरिन करने से यूटीआई और एसटीआई का खतरा कम होता है क्योंकि इससे बैक्टीरिया बाहर निकलते हैं, जो यूटीआई का कारण बन सकते हैं.
-कैफीन और अल्कोहल ब्लैडर में जलन पैदा कर सकते हैं, जिससे UTI का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए गर्मियों में इनके सेवन से बचें.
-डिहाइड्रेटेशन, जो गर्मियों में आम है, यूटीआई विकसित होने की आशंका बढ़ा सकता है, ऐसे में अपने आप को जितना हो सके हाइड्रेटेड रखें.
-टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद हमेशा आगे से पीछे की ओर पोंछें. ऐसा करने से बैक्टीरिया को एनस से यूरिनरी ट्रैक्ट तक फैलने से रोका जा सकता है और संक्रमण का खतरा कम किया जा सकता है.
-क्रैनबेरी जूस यूटीआई के लक्षणों को कम कर सकता है और बैक्टीरिया की वृद्धि को रोक सकता है.

 

 

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