Kevin Carter: एक तस्वीर जो बन गयी पत्रकार की मौत की वजह…
Kevin Carter: यदि आप से पूछा जाए की क्या कोई फोटो किसी के मौत की वजह बन सकती है तो आपका जवाब होगा नहीं. आपको हैरानी यह जानकर होगी कि साउथ अफ्रीका में ऐसा हुआ है. यह आज नहीं बल्कि की सालों पहले हुआ था, जब एक फोटो एक फोटोज जर्नलिस्ट की मौत की वजह बन गयी थी. कब कैसे और क्यों हम आपको इस वीडियो में बताने जा रहे हैं…
यह हैरान कर देने वाली कहानी है साउथ अफ्रीका के फोटो जर्नलिस्ट केविन कार्टर की है. बताते हैंं कि साल 1993 में साउथ सूडान में भीषण भूखमरी का दौर चला था, इस दौरान देश विदेश से आए हजारों फोटो जर्नलिस्ट इस देश की मार्मिक तस्वीर निकालने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान केविन कार्टर ने एक ऐसी फोटो निकाली, जिसकी वजह से देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में उनकी चर्चा की जाने लगी थी. इसके लिए उन्हे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था, लेकिन उसी ख्याति दिलाने वाली फोटो की वजह से केविन ने आत्महत्या कर ली थी.
क्या है पूरी कहानी ?
साउथ सूडान के भुखमरी के दौरान एक मार्मिक दृश्य की तलाश करते केविन की नजर एक मासूम पर पड़ी, जो उस समय भुखमरी से हारकर बेसुध तेज धूप में तपती हुई जमीन पर पड़ी थी. इस दौरान वह अपने घर की तरफ जाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन भूख ने उसे बेदम कर दिया था. वहीं बच्ची के पीछे बैठा एक गिद्ध उसकी मौत का इंतजार करता हुआ, दूर बैठा बच्ची को देख रहा था.
इस तस्वीर को लेकर केविन लिखते है कि, मैनें बीस मिनट तक उस गिद्ध के उड़ने का इंतजार भी किया और जब वो नहीं उडा तो उन्होने उसी समय वह तस्वीर अपने कैमरे में कैद कर ली. इस तस्वीर के सामने आने के बाद चारों तरफ केविन की चर्चा शुरू हो गयी. इस तस्वीर को काफी सराहना मिलने के साथ ही इस तस्वीर को पुलिट्जर अवार्ड से सम्मानित भी किया गया.
तस्वीर पर कुछ लोगों ने जताई आपत्ति
पुरस्कार जीतने के बाद केविन कार्टर ने न्यू यॉर्क टाइम्स को इस तस्वीर को बेच दिया. 26 मार्च 1993 को पहली बार यह तस्वीर New York Times में प्रकाशित हुई थी. फोटो का केप्शन था, ”metaphor for Africa’s despair ‘यानी प्रतीक दक्षिण अफ्रीका की पीड़ा. चित्र प्रसारित होते ही लाखों लोगों ने केविन कार्टर से इस बच्ची के बारे में हजारों प्रश्न पूछे. उस पर कई ने उस पर यह आरोप भी लगाए कि उसने उस समय फोटो खींचना ज्यादा उचित समझा, जबकि वह उस रेंगती हुई बच्ची को बचा सकते थे.
आत्मग्लानि में की आत्महत्या
कार्टर को कोलंबिया यूनिवर्सिटी के लॉ मेमोरियल लाइब्रेरी में 23 मई 1994 को पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. अवार्ड समारोह में एक रिपोर्टर ने केविन से पूछा कि, वहाँ कितने गिद्ध थे? जब केविन ने एक जवाब दिया, तो रिपोर्टर ने बताया कि, वहां दो गिद्ध थे, एक के हाथ में कैमेरा था. रिपोर्टर का यह जवाब सुनकर केविन ग्लानि से भर गए. इसके बाद हजारो लोगों ने केविन को और मीडिया को पत्र लिखे और पूछा कि उस बच्ची के बाद क्या हुआ. कई पत्रों पर अखबारों ने जवाब देते हुए कहा कि वे नहीं जानते कि क्या हुआ.
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वही कई लोगों ने केविन के ऊपर आरोप भी लगाए कि केविन को उस समय बच्ची को बचाने से ज्यादा फोटो खींचना जरूरी लगा. ऐसे में इन सब सवालों ने केविन को झकझोर कर रख दिया और केविन इससे डिप्रेशन में चले गए और बीमार रहने लगे. वही कुछ दिनों बाद इन सब से परेशान होकर केविन ने आत्महत्या कर ली.