करणी सेना को लेकर विवादित बयान के बाद चर्चा में आए सपा नेता हरीश मिश्रा उर्फ बनारस वाले मिश्राजी को सोमवार को वाराणसी के सिगरा थाने की पुलिस ने मंडलीय अस्पताल से ले जाकर अदालत में पेश किया. मां करणी के दो उपासकों की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर हरीश मिश्रा के खिलाफ दर्ज मुकदमे में हत्या के प्रयास की धारा बढ़ाई गई है. अदालत ने हरीश मिश्रा को न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल भेज दिया.
ये है पूरा मामला
काशी विद्यापीठ रोड पर शनिवार की दोपहर सपा नेता हरीश मिश्रा व उनके समर्थकों और खुद को मां करणी का उपासक बताने वालों के बीच मारपीट हुई थी. काशी विद्यापीठ निवासी हरीश मिश्रा ने चाकू से जानलेवा हमला करने का आरोप करणी सेना के कार्यकर्ताओं पर लगाया था.
इसके साथ ही हरीश और उनके समर्थकों ने मौके से पांडेयपुर निवासी अविनाश मिश्रा और चितईपुर के स्वास्तिक उपाध्याय को पकड़ कर पुलिस को सौंपा था. बता दें कि बनारस वाले मिश्रा जी के नाम से हरीश मिश्रा चर्चित हैं. विवादित बयानों के कारण अक्सर वे सुर्खियों में रहते हैं. कुछ दिन पहले करणी सेना को लेकर विवादित बयान दिए थे.
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11 मुकदमे दर्ज…
सिगरा थाने में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. इसके बाद तीनों को पुलिस अभिरक्षा में उपचार के लिए मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. सोमवार को डॉक्टर ने हरीश मिश्रा और स्वास्तिक उपाध्याय को डिस्चार्ज कर दिया.
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इसके बाद सिगरा थानाध्यक्ष संजय कुमार मिश्र और उनकी टीम के काशी विद्यापीठ चौकी प्रभारी विकल शांडिल्य ने हरीश मिश्रा को अदालत में पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया. बता दें कि हरीश मिश्रा के खिलाफ सिगरा सहित अन्य थानों में 11 मुकदमे दर्ज किए गए हैं.