…तो क्या वजुभाई 22 साल बाद देवगौड़ा से लेंगे बदला ?

0

सत्ता के सियासी खेल के बीच कर्नाटक की सियायत एक बेहद अनूठे संयोग से भी गुजर रही है। आज की स्थिति में कर्नाटक की राजनीति में दो अहम किरदार हैं- पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा, जिनकी पार्टी जेडीएस कांग्रेस के समर्थन के बाद किंगमेकर से किंग की भूमिका में है। दूसरे राज्यपाल वजुभाई आर वाला, जो तय करेंगे कि सरकार बनाने का पहला हक किसे मिलेगा।

22 साल बाद पलट गया पासा

दिलचस्प बात यह है कि ठीक 22 साल पहले इन दोनों किरदारों की मौजूदगी में राजनीति ने कुछ ऐसे ही करवट ली थी। स्थिति तब बिल्कुल उलट थी। तब देवगौड़ा देश के प्रधानमंत्री थे और वजुभाई गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष। तब पीएम देवगौड़ा की सिफारिश पर बीजेपी की सरकार ने सत्ता खोई थी। सोशल मीडिया पर राजनीति का यह संयोग वायरल हो रहा है। जानिए क्या हुआ था उस वक्त….

बीजेपी सरकार पर संकट आ गया था

1996 में गुजरात में पूर्व भारतीय जनता पार्टी नेता शंकर सिंह वाघेला के पार्टी छोड़ने के कारण सुरेश मेहता के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पर संकट आ गया था। सदन में पार्टी को अपना बहुमत पेश करना था, लेकिन तभी सदन में हिंसा तक होने लगी। पार्टी ने अपना बहुमत पेश किया लेकिन, असेंबली स्पीकर ने विपक्ष को सस्पेंड कर दिया। इसके एक दिन बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति को खत लिखकर राज्य विधानसभा को विघटित करने की सिफारिश कर दी।

पीएम ने दी यह राय…

राष्ट्रपति ने तत्कालीन प्रधानमंत्री देवगौड़ा की राय पर सदन का विघटन कर दिया। इसके बाद वाघेला एक साल के लिए सीएम बने लेकिन बाद में कांग्रेस ने उनसे समर्थन वापस ले लिया। दोबारा चुनाव हुए और बीजेपी वापस सरकार में आ गई।

Also Read : कर्नाटक चुनाव : सरकार बनाने के लिए सियासी घमासान

कुर्सी पर थे ये दिग्गज…

दिलचस्प बात यह है कि जिस वक्त यह उठापटक गुजरात में चल रही थी तब राज्य बीजेपी के अध्यक्ष कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई पटेल थे और जिन पीएम ने गुजरात सदन के विघटन की राय राष्ट्रपति को दी थी, वह थे एचडी देवगौड़ा।

फिर से आमने-सामने

अब 22 साल बाद कर्नाटक में ऐसी स्थिति बनी है कि देवगौड़ा के बेटे कुमारस्वामी के पास मुख्यमंत्री बनने का मौका है और इस बात का फैसला उस व्यक्ति को करना है जिसकी पार्टी को सरकार से बाहर करने के लिए देवगौड़ा ने यह जोड़तोड़ की थी। सोशल मीडिया पर इतिहास की इस घटना को खूब शेयर किया जा रहा है और लोग इसे कांग्रेस का कर्म बता रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने भी इस वाकये का जिक्र फेसबुक पर किया है।

जारी है उठापटक

कर्नाटक में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत ने मिलने के बाद सियासी नाटक जारी है। बीजेपी विधायक दल के नेता चुने गए येदियुरप्पा ने राज्यपाल से मिल जहां सरकार बनाने का दावा ठोका, तो वहीं चुनाव बाद एक हुए कांग्रेस-जेडीएस भी रणनीति बनाने में जुटे हैं। दोनों दलों ने बीजेपी पर उनके विधायक तोड़ने का आरोप लगाया है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More