स्वच्छ भारत के दावे फेल, कानपुर-काशी सबसे गंदे

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सरकार चाहे जितना स्वच्छ भारत अभियान चला ले लेकिन जनता है कि हम नहीं सुधरेंगे के नारे पर कायम है। एक तरफ सरकार देश में साफ सफाई के लिए ऐड़ी से चोटी तक का जोर लगा रही है दूसरी ओर जनता है कि इससे उसे कोई मतलब नहीं है।

गंदगी के मामले में वाराणसी चौथे नंबर पर है

चाहे सड़क के किनारे हो या स्टेशन पर हर जगह बेपरवाही नजर आती दिख जायेगी। अगर रेलवे स्टेशन की बात करें तो जहां एक तरफ कानपुर (Kanpur) गंदगी के मामले में नंबर एक पर है, वहीं पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी पीछे नहीं है। देश में सबसे गंदा रेलवे स्टेशन कानपुर का है। इतना ही नहीं पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। गंदगी के मामले में वाराणसी चौथे नंबर पर है।

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ये हालात तब है जब सलाना ढाई करोड़ रुपये का खर्च होने के बाद भी वाराणसी का कैंट स्टेशन की सफाई व्यवस्था शून्य है। कैंट स्टेशन का नाम नीचे से चौथे स्थान पर दर्ज किया गया है। यानी सबसे गंदे स्टेशनों में उत्तर रेलवे का यह स्टेशन चौथे स्थान पर है।

यहां के 56 फीसदी यात्रियों ने यहां की सफाई से असंतोष जताया

कानपुर सबसे ज्यादा गंदा स्टेशन बताया गया है। यहां के 61.06 फीसदी यात्रियों ने इसे गंदा बताया। चौथे नंबर पर बनारस का कैंट स्टेशन है। यहां के 56 फीसदी यात्रियों ने यहां की सफाई से असंतोष जताया। प्लेटफार्म नंबर चार-पांच, फुट ओवरब्रिज, नये यात्री प्रतीक्षालय में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। पूरे स्टेशन में कई जगह कचरे के ढेर लगे हैं।

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