दलित को नहीं डालने दिया वोट तो भड़के अखिलेश, किया BJP पर वार
लोकतंत्र के महापर्व का आगाज आज से हो गया है। मतदान हर नागरिक का बुनियादी अधिकार है। मतदान ही लोगों के सब फ़र्क़ एक दिन के लिए मिटा देता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के कैराना में इससे अलग नज़ारा देखने को मिला।
यहां पहले चरण के लिए हो रहे मतदान के दौरान एक दलित मतदाता को वोट डालने से रोका गया। मतदाता के मुताबिक उसे वोटिंग करने नहीं दिया गया। मामला कैराना के शामली नया बाजार का है।
मीडिया को मतदाता ने बताया, ‘मतदाता सूची में नाम होने के बावजूद बूथ संख्या 40 पर दलित होने की वजह से उसे मतदान नहीं करने दिया गया।’ बूथ के बाहर एक प्रतिष्ठित मीडिया हाउस के रिपोर्टर को उसने बताया कि उसे दलित होने के कारण वोट डालने नहीं दिया जा रहा। यह बताते हुए व्यक्ति रोने लगा।
दलित वोटर ने रोते हुए बताया, ‘पोल अधिकारियों ने कहा कि दलित की वोट नहीं पड़ेगी।’ इस दौरान उसकी पत्नी उसके साथ थी।
अखिलेश ने साधा BJP पर निशाना-
इस घटना पर सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुख जताया और बीजेपी नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘दलित भाइयों व बहनों को वोट डालने से रोकना जुर्म है और पाप भी। जुर्म, क्योंकि मतदान हर नागरिक का बुनियादी अधिकार है। पाप, क्योंकि केवल मतदान ही लोगों के सब फ़र्क़ एक दिन के लिए मिटा देता है। अब भाजपा के नेता खुलकर कह रहे हैं कि यह देश सबका नहीं है और लोगों में नफ़रत फैला रहे हैं।’
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