झारखंड: अंकिता की मौत से पहले का वीडियो वायरल, 3 साल से पीछे पड़ा था शाहरुख, दूसरा गुनहगार नईम अरेस्ट, सरकार पर लगे आरोप

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झारखंड के दुमका में शाहरूख हुसैन ने एकतरफा प्रेम का प्रस्ताव अंकिता द्वारा ठुकराने पर उसे पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया. पांच दिन बाद शनिवार देर रात 90 प्रतिशत जली अंकिता की रांची के रिम्स अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. अंकिता के पीछे शाहरुख पिछले 3 साल से पड़ा था. अंकिता की मौत के बाद से उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वो आरोपी शाहरुख को सजा दिलाने की बात कर रही है. वहीं, विपक्ष इस मामले में हेमंत सोरेन सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगा रहा है.

दुमका पुलिस ने अंकिता के दूसरे गुनहगार नईम उर्फ छोटू खान को गिरफ्तार कर लिया है. दुमका के एसपी अंबर लकरा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद आरोपी को दुमका कोर्ट में पेश किया गया और अब जेल भेज दिया गया है.

मौत से पहले अंकिता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में अंकिता कह रही है कि जैसे हम मर रहें हैं वैसे ही शाहरुख़ को भी तड़प कर मरना चाहिए.

अंकिता के परिवार ने बताया कि पिछले 3 साल से शाहरुख उसे परेशान कर रहा था. अंकिता ने इस बात की जानकारी अपने पिता को भी दी थी. शुरुआत में उन्होंने इस पर कोई कदम नहीं उठाया. इसके बाद जब शाहरुख अंकिता का ज्यादा परेशान करने लगा तो वह पुलिस के पास शिकायत करने भी गए थे. हालांकि, शाहरुख के बड़े भाई ने माफी मांगते हुए आगे से ऐसा नहीं होने का आश्वासन दिया.

इसके बाद शाहरुख कुछ दिन तक शांत रहा. कुछ दिनों बाद उसने फिर से वही सब करना शुरू कर दिया. घटना से करीब 15 दिन पहले से उसने अंकिता को कुछ ज्यादा ही परेशान करना शुरू कर दिया था. घटना से एक दिन पहले 22 अगस्त को ही उसने अंकिता को फोन करके धमकी दी कि अगर मुझसे बात नहीं करोगी तो जान से मार दूंगा.

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मौत से कुछ घंटे पहले ही अंकिता ने अस्पताल में पुलिस को बताया था कि 23 अगस्त की सुबह मैंने अचानक कमरे की खिड़की के पास आग की लपटें देखी तो मैं डर गई. जब मैंने खिड़की खोली तब देखा कि शाहरुख हाथ में पेट्रोल का केन लेकर मेरे घर की तरफ से भाग रहा है. उस वक्त मुझे काफी जलन सी महसूस हो रही थी, आग मेरे शरीर पर लग चुकी थी.

घटना वाले दिन ही आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस ने इस घटना को एकतरफा प्यार का मामला बताया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी शाहरुख 3 साल पहले अप्रैल, 2019 में छेनी-हथौड़ी लेकर अंकिता के घर में घुस गया था. तब उसने घर में तोड़फोड़ की थी. लोगों ने शाहरुख को पकड़कर पीटा भी था. मामला पुलिस तक पहुंचा. हालांकि, समझौता हो गया था. इसी महीने 2 अगस्त को भी आरोपी ने पीड़िता के घर की ग्रिल तोड़कर घुसने की कोशिश की थी.

पूर्व सीएम और भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी का आरोप है कि बेहतर इलाज नहीं मिलने के कारण अंकिता की जान गई. वहीं, पूर्व सीएम रघुबर दास ने राज्य सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया. दास ने कहा कि एक ओर हेमंत सोरेन सरकार उपद्रवी नदीम को एयर एंबुलेंस से भेजकर सरकारी खर्च पर इलाज करवा रही है. दूसरी ओर झारखंड की बेटी अंकिता को उसी के हाल पर छोड़ दिया गया.

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मैं मांग करता हूं कि राज्य सरकार एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करे जो समय पर चार्जशीट दाखिल करे और फैसला समय पर आए ताकि लोगों को कानून पर भरोसा हो और न्याय हो. राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा.

झारखंड सीएम हेमंत सोरेन ने इस मामले पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा

‘अंकिता बिटिया को भावभीनी श्रद्धांजलि. अंकिता के परिजनों को रु 10 लाख की सहायता राशि के साथ इस घृणित घटना का फ़ास्ट ट्रैक से निष्पादन हेतु निर्देश दिया है. पुलिस महानिदेशक को भी उक्त मामले में एडीजी रैंक अधिकारी द्वारा अनुसंधान की प्रगति पर शीघ्र रिपोर्ट देने हेतु निर्देश दिया है.’

इस घटना पर महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि ये बेहद दयनीय है, आप महिलाओं को जबरदस्ती शादी के लिए नहीं मनवा सकते हैं और इसलिए उस बच्ची को अपनी जान गंवानी पड़ी। हमने डीजीपी से 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है. उधर, भाजपा का आरोप है कि इस मामले में दुमका के डीएसपी नूर मुस्तफा ने षड्यंत्र रचा है. उन्होंने शुरू से ही आरोपी शाहरुख का पक्ष लिया.

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दरअसल, मामला 23 अगस्त का है. 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली अंकिता अपने घर में सो रही थी. तड़के सुबह करीब 05:00 बजे उसी मोहल्ले में रहने वाला शाहरुख हुसैन उसके घर पहुंचा. उसने खिड़की के कांच तोड़कर अंकिता पर पेट्रोल डाला और माचिस जला कर उसे आग के हवाले कर दिया.

गंभीर रूप से जली अंकिता को नाजुक हालत में दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां से प्राथमिक इलाज के बाद 23 अगस्त को ही अंकिता को रांची के रिम्स अस्पताल रेफर कर दिया गया. अंकिता के दोनों हाथ, दोनों पैर, पीठ का हिस्सा और पेट का काफी हिस्सा बुरी तरह से जल गया था. पांच दिन तक वह जिंदगी और मौत से जूझती रही. शनिवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

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