बेवजह ही होती है दूसरों से ईर्ष्या, ऐसे करें खुद को डील….
इंसानी मन में जलन की भावना का आना एक आम सी बात है, लेकिन इसका प्रभाव रिश्ते में और खुद की भावनाओं पर न पड़ने देना ही एक समझदार इंसान की पहचान होती है. किसी भी इंसान में जलन की भावना तब पैदा होती है, जब वह किसी चीज को खोने से डरता हो या उसके लिए वह चीज बेहद जरूरी हो. यह भावना सिर्फ भावना नहीं बल्कि इसका हमारी जिंदगी पर काफी असर पड़ता है, ईर्ष्या या जलन की भावना के साथ ही गुस्सा और दुख की भावना पैदा होती है. ऐसे में यदि आप अपने अंदर आती इस भावना से परेशान हो गए है तो, इससे छुटकारा पाने के लिए इन टिप्स का प्रयोग कर सकते है.
ईर्ष्या क्यों होती है ?
मित्रों को नया रिश्ता या ऑफिस में प्रमोशन मिल जाता है. पड़ोसी को या तो व्यवसाय में सफलता मिली या फिर प्रेमिका के साथ अधिक समय बीता रहा है. ऐसे कई कारण हो सकते हैं जो हमारे मन में ईर्ष्या पैदा कर सकते हैं. ऐसे में कैसे करें इसको डील…
ईर्ष्या को स्वीकार करें
अगर आप दूसरों से जलन महसूस कर रहे हैं, तो उसे अनदेखा न करें, बल्कि उसे एक्सेप्ट करें. साथ ही कारण भी जानें अगर आत्मविश्वास की कमी के कारण ऐसा हो रहा है या शायद उस व्यक्ति के पास कुछ है जो आपके पास नहीं है. ईर्ष्या की जड़ तक पहुँचने की कोशिश करें. अगर ऐसा कुछ है, तो उसे पाने के लिए पॉजिटिव हो जाएं.
करीबी से करें बात
अक्सर हमारे मन में जलन की भावना पैदा हो जाती है तो, इस बारे में हम अपने करीबी रिश्तेदारों, पार्टनर या फिर फैमिली मेंबर से बात करनी चाहिए और खुलकर अपनी भावनाओं को साझा करें. ऐसे में बात शेयर करने से इस समस्या का समाधान मिल सकता है.
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ईर्ष्या से होने वाले नुकसान
– किसी को लेकर दुखी होने पर खुद को नुकसान पहुँचाने का विचार करें, आपको ईर्ष्या से ये नुकसान होते हैं.
– समय बर्बाद होता है.
– बार-बार एक ही बात सोचने से दूसरे विचारों का विचार कम हो जाता है.
– आप जलन से व्यक्तिगत संबंधों को खराब करते हैं.
– जलन आपकी पर्सनैलिटी पर बुरा असर डालता है और आप अपने आत्मविश्वास को खो देते हैं, साथ ही उत्पादकता पर भी असर पड़ता है.
– निगेटिविटी आपके मन में आती है और आप दूसरों के मन में भी डालना शुरू कर देते हैं, इसलिए भयभीत होने से बचें.