यूपी की जौनपुर जेल में शुक्रवार को जमकर बवाल हुआ. आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी की मौत के बाद साथी कैदियों ने बैरक से बाहर आकर जेल को अपने कब्जे में ले लिया और खूब तोड़फोड़ की. बवाल करने वाले कैदी जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे. घंटो चले बवाल के बाद भारी संख्या में पीएसी सहित कई थानों की फोर्स बमुश्किल जेल के अंदर दाखिल हुई. और किसी तरह हालात पर काबू पाया.
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पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
जौनपुर जिला कारागार में बंद दोहरा आजीवन कारावास की सजा पाए कैदी बागेश मिश्र उर्फ सरपंच की दोपहर मौत हो गई. इसकी जानकारी होते ही कैदियों ने जेल में हंगामा और तोड़फोड़ शुरू कर दिया. जेल के अस्पताल में आग लगा दी. कैदियों के बवाल के आगे जेल में मौजूद पुलिस की संख्या काफी कम थी. सूचना पर कई थानों की पुलिस और पीएसी जेल पहुंची लेकिन अंदर दाखिल होने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी. कैदी जमकर पथराव कर रहे थे. उन्होंने गैस सिलिंडर को भी कब्जे में ले लिया था और लगाता विस्फोट की धमकी दे रहे थे. उनको नियंत्रित करने के लिए कई राउंड आंसू गैसे के गोले दागे. घंटों तक हंगामा चलता रहा. शाम करीब साढ़े 4 बजे डीएम मनीष कुमार वर्मा और एसपी राजकरन नय्यर भी जेल में पहुंच गए. ड्रोन कैमरे की मदद से पुलिस जेल के अंदर के हालात की निगरानी करती रही. बवाल करने वाले कैदियों को बार-बार लाउडस्पीकर से हिदायत दी जा रही. घंटो चले बवाल के बाद किसी तरह हालात को काबू किया जा सका.
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परिवार ने लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप
करीब 10 वर्ष पूर्व हुई हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे रामपुर ब्लॉक के बनीडीह गांव के प्रधान पति बागेश मिश्र की मौत हुई थी. जेल प्रशासन ने मौत का कारण बीमारी बताया. वहीं परिवारवालों का आरोप है कि जेल के अंदर उपचार में लापरवाही बरती गई. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. जेल अधीक्षक एसके पांडेय का कहना है कि गुरुवार को बागेश की तबीयत खराब होने पर जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उपचार के बाद स्थिति में सुधार हुआ था. शुक्रवार की सुबह फिर से तबीयत बिगड़ गई. उसे तत्काल जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. वहीं बागेश के भाई अनिल का आरोप है कि तीन दिन से बागेश की तबीयत खराब थी. जेल प्रशासन ने समुचित उपचार नहीं कराया. बागेश की पत्नी कुसुम मिश्रा ग्राम सभा बनीडीह की प्रधान है.
कैदियों ने जेल में किया है पहले भी बवाल
-5 मई 2021 को अम्बेडकर नगर जिला जेल में कैदियों ने हंगामा किया
-21 अप्रैल 2020 बलिया जेल में कैदियों ने जमकर बवाल काटा डाक्टर और डिप्टी जेलर पर हमला करके घायल कर दिया
-11 अक्टूबर 2019 में गोरखपुर जिला जेल में जेलर और सिपाही को पीटा और घंटो जेल पर कब्जा किये रहे.
-9 फरवरी 2019 को फैजाबाद जेल में कैदियों ने सिपाहियों और बंदी रक्षकों को 6 घंटे तक बंधक बनाए रखा.
26 मार्च 2017 फतेहगढ़ जिला जेल में कैदियों ने हंगामा किया था.
-27 मार्च 2017 फरुखाबाद जेल में हुए बवाल में जेलर घायल हो गया था.
3 अप्रैल 2016 बनारस जिला जेल में कैदियों ने जमकर हंगामा किया, घंटों जेल उनके कब्जे में रहा.
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