विकास दुबे गैंग का मुख्य सदस्य गिरफ्तार, रखता था काली कमाई का पूरा हिसाब

विकास दुबे

गैंगस्टर विकास दुबे का कथित रूप से फायनेंसर और कानपुर का व्यापारी जय बाजपेयी रविवार रात गिरफ्तार हो गया है। जय पर आरोप है कि उसने बिकरू गांव में 2-3 जुलाई को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में विकास दुबे और उसके साथियों को गोला-बारूद उपलब्ध कराया था।

इसके अलावा मारे गए एक अन्य गैंगस्टर बउआन दुबे का बहनोई प्रशांत शुक्ला उर्फ डबलू भी गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके मोबाइल की लोकेशन से पता चला है कि घटना की रात वह बिकरू गांव में मौजूद था।

कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु के अनुसार, जय बाजपेयी और डबलू पर आर्म्स एक्ट और अपराधिक साजिश की धारा 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

एसएसपी ने कहा कि उनके घर की तलाशी के दौरान 20 से अधिक कारतूस गायब पाए गए और जय बाजपेयी लापता गोला बारूद के बारे में नहीं बता सका।

एक साल में हुआ 75 करोड़ रुपये का लेनदेन-

vikas dubey

सूत्रों ने कहा है कि नरसंहार की जांच करने वाले विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को यह भी पता चला है कि जय बाजपेयी ने अपराध करने के बाद आरोपियों को घटनास्थल से भगाने में मदद करने के लिए वाहनों की व्यवस्था भी की थी।

बाद में तीन लग्जरी कारें भी कानपुर में मिली थीं। कथित तौर पर तीन जुलाई की घटना के एक दिन बाद ही पुलिस ने जय बाजपेयी को उठा लिया था और उनसे गहन पूछताछ की गई थी।

रिपोटरें के अनुसार, पिछले एक साल में जय और विकास के बीच छह बैंक खातों के माध्यम से 75 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। कथित तौर पर दोनों सट्टेबाजी के खेल में भी पैसा लगा रहे थे।

मीडिएटर का काम करता था जय-

jai bajpai

सूत्रों के मुताबिक जय बाजपेयी ने विकास दुबे और कई आईएएस, आईपीएस अधिकारियों, मंत्रियों और विधायकों के बीच मीडिएटर का काम किया।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम आगे की जांच के लिए यह सारी जानकारी इनकम टैक्स और ईडी को दे रहे हैं।”

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