वक्त- वक्त की बात है.. न जश्न, न ईद, मुख्तार अंसारी की कोठी पर सन्नाटा
28 मार्च को हुई मौत के बाद इस बार ईद पर उसके घर सन्नाटा पसरा हुआ है. मुख्तार की पत्नी फरार है तो बेटा जेल में है
कहते हैं वक्त के बड़ा कोई नहीं होता है. यह सच सच साबित हुआ है. गाजीपुर में मुख्तार की कोठी पर जहां हर बार ईद पर अलग रौनक देखने को मिलती थी. मुख़्तार भले ही जेल में रहता था लेकिन जेल के बाहर उसका रसूख पूरा दिखता था. यूपी की सियासत में मजबूत पकड़ रखने वाले नेता उसके घर जाते थे. आंगन में जमावड़ा लगता था, दावतें चलती थीं और बधाईयों का दौर चलता था.
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लेकिन 28 मार्च को हुई मौत के बाद इस बार ईद पर उसके घर सन्नाटा पसरा हुआ है. मुख्तार की पत्नी फरार है तो बेटा जेल में है और छोटा घर में. मुख्तार की मौत के बाद पूरा परिवार गमगीन है.
उमर का झलका दर्द
कहा जा रहा है की ईद के मौके पर मुख्तार के घर मायूसी छाई रही. वहींं मुख़्तार के छोटे बेटे अमर अंसारी ने मुख्तार अंसारी के फेसबुक पेज पर लिखा, ‘हमारे सभी प्रियजनों, आज हम ईद मना रहे हैं और मुझे अपने अब्बा की कमी लगातार महसूस हो रही है. हमारे प्यारे मुख्तार अंसारी साहब के न रहने से मेरा दिल दुखता है. भले ही आज वह हमारे बीच मौजूद न हों, लेकिन वह लाखों दिलों में जीवित रहेंगे. हमें अपना प्यार और शक्ति देते रहेंगे. ईद मनाते हुए, आइए हम उन्हें अपनी दुआओं में याद करते हैं. मैं आपको और आपके परिवार को ईद की मुबारकबाद देता हूं.
अब्बास ने पढ़ा फातिहा
बता दें कि पिता की मौत के बाद आज मुख्तार के बडे बेटे अब्बास अंसारी ने अपने पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ा. देशभर में ईद मनाई जा रही है लेकिन अब्बास अंसारी ने ईद की नमाज गाजीपुर जेल में पढ़ी. वहींं मुख्तार के बडे भाई अफजाल अंसारी ने कहा कि परिवार में गमी है, इसलिए ईद का त्यौहार सादगी से साथ मनाया जाएगा.
दो दिन गाजीपुर जेल में रहेगा अब्बास
अब्बास अंसारी आर्म्स एक्ट मामले में कासगंज जेल में बंद है. पिता की मौत के बाद अब्बास अंसारी अपने पिता के जानजे में शामिल नहीं हो पाया था. वहीं पिता की मौत पर फातिहा पढ़ने के लिए अब्बास अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद अब्बास को तीन दिन के लिए कासगंज से गाजीपुर जेल में शिफ्ट किया गया है. जबकि उसे गाजीपुर में अपने घर जाने की इजाजत नहीं दी गई है.
28 मार्च को हुआ था निधन
28 मार्च को मुख्तार अंसारी का निधन बांदा जेल में हुआ था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनकी मौत हार्ट अटैक से बताई गई है, जबकि परिवारवाले लगातार उनकी मौत पर संदेह कर रहे हैं. उनका कहना है कि मुख्तार को जेल में जहर देकर मारा गया है. बताया जा रहा है कि मुख्तार का बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है. इसे जांच के लिए भेजा गया है