चंद्रयान-2 ने भरी चांद की उड़ान

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हिंदुस्तान ने आज अंतरिक्ष की दुनिया में एक नया इतिहास रच दिया है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी ISRO ने सोमवार दोपहर 2.43 मिनट पर सफलतापूर्वक चंद्रयान-2 को लॉन्च किया। चांद पर कदम रखने वाला ये हिंदुस्तान का दूसरा सबसे बड़ा मिशन है।

इससे पहले चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 15 जुलाई को किया जाना था, लेकिन निर्धारित समय से लगभग एक घंटे पहले तकनीकी खराबी का पता चलने के कारण इसे रोक देना पड़ा। प्रक्षेपण में देरी के कारण सात दिन के नुकसान की भरपाई के लिए चंद्रयान-2 की उड़ान अवधि में बदलाव कर 54 दिन से घटाकर 48 दिन कर दी गई है। पहले की योजना के अनुसार ही चंद्रयान-2 सात सितंबर को चंद्रमा पर पहुंच जाएगा। इस अभियान पर 978 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

चंद्रयान-2 का लक्ष्य-

चंद्रयान-2 के उद्देश्‍यों में चंद्रमा की मिट्टी में खनिजों और रासायनिक तत्‍वों के मिश्रण का अध्‍ययन, चांद के दक्षिण ध्रूव पर पानी या बर्फ की खोज, उसके वातावरण का परीक्षण, चंद्र भूकंपीय गतिविधियों का अध्‍ययन करना और अत्‍याधुनिक उन्‍नत कैमरों से उसका चित्रण शामिल है।

इसका मुख्य लक्ष्य चंद्रमा के अज्ञात क्षेत्रों पर एक भारतीय लैंडर को सफलतापूर्वक उतारना है। चंद्रयान-2 130 करोड़ लोगों के सपनों को अपने साथ ले कर गया है। यह देश की वैज्ञानिक खोज और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा। मिशन के वैज्ञानिक चन्‍द्रमा की सतह पर 15 महत्‍वपूर्ण परीक्षण करेंगे।

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