इजरायल-हमास की लड़ाई विश्व बाजार के लिए बन सकती है खतरा….

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7 अक्टूबर से इजराइल और हमास के बीच जारी जंग की खबरों के पन्ने पलटते भारत के किसी आम नागरिक को अगर ये लगता है कि, हजारों मील छिड़ी इस जंग से हमें क्या ?

तो जनाब आपको बता दें कि, हजारों मील छिड़ी इस जंग मात्र भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व बाजार पर बुरा असर पड़ने वाला है और वो भी कितना बुरा इसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते है। इस जंग का सीधा असर ग्लोबल फाइनेशियल मार्केट्स पर पड़ने वाला है, वही चिंता की बात यह भी है कि, पहले से ही ग्लोबल इकॉनोमी बुरी स्थित से गुजर रहा है। इनमें हाई इंटरेस्ट रेट्स, हाई इनफ्लेशन और क्रूड की कीमतों में उछाल शामिल हैं। डॉलर में लगातार मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड्स यील्ड में बढ़ते उछाल से इंडिया सहित इमर्जिंग मार्केट्स पहले से ही दबाव में हैं। इसके साथ ही यदि बात करें एनालिस्ट्स की तो उसके अनुसार, यदि इजरायल-हमास का यह टकराव जल्द काबू नहीं पाया गया तो, विश्व भऱ में स्टॉक और बॉन्ड्स मार्केट्स पर इसका बुरा प्रभाव देखने को मिलेगा।

जंग में कितने देश है शामिल?

प्राप्त खबरों के मुताबिक, यह जंग खतरनाक मोड़ ले सकती है। इस युद्ध के इजरायल और हमास तक सीमित रहने के आसार नहीं दिख रहे हैं। कई देश अप्रत्यक्ष रूप से इस लड़ाई का हिस्सा बनते दिख रहे हैं। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुए करीब डेढ़ साल हो चुके हैं। ऐसे में इतनी जल्द एक दूसरे टकराव के ग्लोबल इकोनॉमी के लिए खतरनाक नतीजें हो सकते हैं।

डॉलर में आ रही तेजी से भारत को होगा भारी नुकसान

इजरायल और हमास जारी जंग को देखते हुए निवेश के सुरक्षित माध्यमों में लोगों की दिलचस्पी देखने को मिल रही है। इसकी वजह से गोल्ड, बॉन्ड और डॉलर में निवेशकों में बढत दर्ज की गयी है, इसे इस तरह समझ सकते है कि, 6 अक्टूबर को अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4.8 फीसदी पर पहुंच गई। बताया जा रहा है कि, यह अगस्त 2007 के बाद सबसे हाई लेवल है। 30 साल के बॉन्ड की यील्ड भी 5 फीसदी को पार कर गई है। 2007 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। इसके साथ ही 9 अक्टूबर को डॉलर में 0.2 फीसदी मजबूती देखने को मिली। एनालिस्ट्स की रिपोर्ट की मानें तो, आने वाले समय में डॉलर में काफी तेजी देखी जा सकती है और यह भारत के लिए उभरते बाजार के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं होगा। उनका निर्यात बिल बढ़ जाएगा।

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इकोनॉमी और इंडस्ट्री को होगा नुकसान

Infomerics Ratings के चीफ इकोनॉमिस्ट मनोरंजन शर्मा का कहना है कि, ‘अगर इजरायल और मध्य-पूर्व के देशों के बीच टकराव बढ़ता है तो बॉन्ड यील्ड में उछाल जारी रह सकता है। उन्होंने कहा कि इजरायल-फिलिस्तीन के बीच अचानक युद्ध भड़कने के व्यापक परिणाम होंगे। कई भौगोलिक इलाकों, इकोनॉमीज और सेक्टर पर इसका असर दिख सकता है। बॉन्ड और इक्विटी मार्केट में तेज उतार-चढ़ाव आ सकता है। कंपनियों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा। क्रूड की कीमतों में तेजी का असर कई सेक्टर पर पड़ेगा।’

गोल्ड की कीमतों में आया उछाल

भारत में 9 अक्टूबर को 10 साल के सरकारी बॉन्ड की यील्ड 20 बीपीएस बढ़कर 7.3 फीसदी पहुंच गयी है। डॉलर के मुकाबले रुपये पर दबाव बढ़ा है। शेयर बाजार लाल निशान में है। Sensex 360 अंक गिरा है, जबकि निफ्टी 85 अंक नीचे कारोबार कर रहा है। गोल्ड की कीमतों में उछाल देखने को मिला है। जब कभी जियोपॉलिटिकल रिस्क बढ़ता है तो गोल्ड की चमक बढ़ जाती है।

तेजीमंदी के वीपी (रिसर्च) राज व्यास की माने तो, ”जहां तक इंडियन स्टॉक मार्केट्स का सवाल है तो अभी पैनिक होने की जरूरत नहीं है। लेकिन, यह सच है कि ग्लोबल स्टॉक मार्केट्स का असर इंडियन मार्केट्स पर पड़ेगा। इंडियन मार्केट्स पर इसके असर के बारे में एक-दो दिन बाद ही पता चलेगा। इस बीच, इस हफ्ते दूसरी तिमाही के कंपनियों के नतीजे आने शुरू होंगे। इसका भी असर मार्केट्स पर दिखेगा।”

 

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