खिचड़ी को लेकर खूब पक रही हैं खिचड़ी

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहली दफा फूड प्रोसेसिंग उद्योग को लेकर अंतरराष्ट्रीय मेला होने जा रहा है। वर्ल्ड फूड इंडिया 2017 मेले की खासियत यह है कि इसमें देशभर के तमाम व्यंजनों को परोसा जाएगा। इस मेले का उद्घाटन 3 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद करेंगे।
संजीव कपूर पकायेंगे खिचड़ी
इस मेले की भव्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें देश के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। इस मेले में मुख्य आकर्षक का केन्द्र है खिचड़ी। फूड प्रोसेसिंग उद्योग को लेकर अंतरराष्ट्रीय मेला में खिचड़ी मुख्य आकर्षक का केन्द्र रहेगी। क्योंकि एक तरफ तो इस खिचड़ी को पकाने के लिए जाने माने शेफ संजीव कपूर पकायेंगे।
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आपको बता दे कि खिचड़ी को राष्ट्रीय भोजन बनाये जाने की खबरें इन दिनों जोरो से सोशल मीडिया पर छाई है। ऐसे में राजनीतिक दलों के नेता कहां पीछे रहने वाले थे। खिचड़ी को राष्ट्रीय भोजन बनया जाये या नही इस मुद्दे पर घमासान छिड़ गया है। ऐसे में नेताओ ने अपनी अपनी काल्पनिक खिचड़ी पकानी शुरु कर दी है।
आइये आपको बताते है कौन कौन पका रहा है खिचड़ी
खिचड़ी न खाई तो देशद्रोह का मामला…
कांग्रेस के प्रवक्ता संजय निरुपम ने तंज कसा है कि खिचड़ी न खाने वालों पर देशद्रोह का मामला चलेगा। क्योंकि खिचड़ी मेरा पंसदीदा भोजन है। जो इसको खाने से मना करेगा उस व्यक्ति के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जायेगा। तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय लोकदल के नेता जंयत चौधरी ने कहा कि लोग खिचड़ी पकाते पकाते पीएम बन गये, तो कोई खिला खिला कर सीएम बन गया। अब खिचड़ी में दाल पक नहीं रही और न नहीं तड़का अच्छा लग रहा है।

गैस के दाम तो असमान छू रहे कैसे पकेगी खिचड़ी…
तो इसी कल्पनिक खिचड़ी को पकाने के लिए एनएसयूआई के अध्यक्ष फिरोज खान भी शामिल हो गये है उन्होंने ट्वीट किया है कि पहले से देश में बीमार हो चुकी अर्थवव्यवस्था के लिए ये खिचड़ी ही ठीक कर सकती है। तो दूसरी तरफ प्रत्यूष मयंक ने लिखा कि विकास की खिचड़ी तो पक चुकी है लेकिन सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं, ऐसे में लोगों की खिचड़ी कैसे पकेगी।
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देश की इतनी खिचड़ी बन ही रही है…
बिग बॉस के जाने माने मनवीर गुर्जर भी अपनी अलग खिचड़ी पका रहे है। उन्होंने कहा कि जब देश की इतनी खिचड़ी बन ही रही है तो खिचड़ी राष्ट्रीय व्यंजन तो बनता ही है अब पकाओ और पकाते रहो खिचड़ी। अकबर अंधेरा के नाम से चल रहे अकाउंट से लिखा गया, खिचड़ी का नाम बदलकर अब ‘दीन दयाल उपाध्याय भूख नहीं है पदार्थ’ रख देना चाहिए। डा खिचड़ी ने ट्वीट किया, “अब ‘खिचड़ी नहीं खानी’ बहाना नहीं चलेगा! खिचड़ी बनेगी तो खानी ही पड़ेगी।
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हरसिमरत कौर बादल के ट्वीट ने खिचड़ी की आंच की धीमी
इसी क्रम में केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने स्पष्ट कर दिया है कि खिचड़ी को राष्ट्रीय भोजन की घोषणा नहीं की जा रही है। बादल ने ट्वीट में लिखा कि काल्पनिक राष्ट्रीय भोजन पर बहुत खिचड़ी पक चुकी है।

इसे सिर्फ़ रिकॉर्ड बनाने के लिए वर्ल्ड फूड इंडिया में पेश किया जा रहा है। ट्वीट में बादल ने कहा, वर्ल्ड फूड इंडिया में भारत की खाद्य विविधता को गर्व से पेश किया जाएगा। लेकिन हरसिमरत कौर का स्पष्टीकरण खिचड़ी को लेकर सोशल मीडिया पर पक रही खिचड़ी की आंच कम करने में नाकाफ़ी ही साबित हुआ।
सभी देशों के दूतावासों में भेजी जायेगी खिचड़ी
4 नवंबर को 800 किलोग्राम की खिचड़ी तैयार की जाएगी। इसमें विभिन्न प्रकार के चावलों, ज्वार, बाजरा, दालों का मिश्रण किया जाएगा। इसके अलावा इसे गिनिस बुक ऑफ रेकार्ड में दर्ज कराने की कोशिश भी की जाएगी। सरकारी सूत्रों का कहना है कि खिचड़ी को भारतीय भोजन के रूप में विश्वभर में लोकप्रिय बनाने की मार्केटिंग रणनीति तैयार की गई है। सबसे पहले इसे सभी देशों के दूतावासों में भेजा जाएगा, फिर इसे पूरी दुनिया में लोकप्रिय बनाने की कोशिश की जाएगी।
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