इंटीग्रेटेड कनेक्टिविटी: राजघाट पर एक साथ मिलेंगे रेल, सडक और जल परिवहन, तैयारियां तेज
इंटीग्रेटेड कनेक्टिविटी: वाराणसी में गंगा पर नये सिग्नेचर ब्रिज का प्रस्ताव मंजूर होने के बाद रेलवे मास्टर प्लान बनाने की ओर अग्रसर है. करीब एक वर्ष पूर्व राजघाट पर सर्व सेवा संघ से कब्जा मुक्त 14 एकड़ जमीन को इस मास्टर प्लान में शामिल किया गया है. इस जमीन का उपयोग रेलवे के साथ ही सिटी ट्रांसपोर्ट और जल परिवहन के लिए किया जाना है. परिवहन की इंटीग्रेटेड व्यवस्था होगी. रेल रोड ब्रिज से जुड़ाव भी होगा. यह मास्टर प्लान रेलवे बोर्ड (इंफ्रा) की ओर से तैयार किया जा रहा है. हालांकि इस व्यवस्था को मूर्त रूप देने में लगभग दो से ढाई साल का समय लगेगा. रेल रोड ब्रिज निर्माण से पहले दोनों छोर की चौड़ाई और बेहतर यातायात व्यवस्था पर पूरा जोर है, ताकि बॉटल नेक जैसी समस्या न हो.
14 एकड़ जमीन पर बन रहा मास्टर प्लान
ब्रिज के पास सर्व सेवा संघ से कब्जा मुक्त कराई गई 14 एकड़ जमीन पर सिटी बस स्टेशन, जल परिवहन और काशी रेलवे स्टेशन की अपनी-अपनी व्यवस्थाएं भी होंगी. नमो घाट से एकदम सटी इस जमीन का उपयोग माल परिवहन की दिशा में काफी बेहतर हो सकेगा. कार्गो जैसी व्यवस्थाएं भी शुरू हो सकती हैं. काशी स्टेशन के विस्तारीकरण के तहत द्वितीय प्रवेश द्वार किला कोहना में बनना है. उसके ठीक सामने सड़क उस पार सर्व सेवा संघ से ली गई जमीन का उपयोग भी काशी स्टेशन विस्तारीकरण के तहत ही किया जाएगा. इसका प्लान बनाया जा रहा है.
रेलवे बोर्ड इंफ्रा के सदस्य नवीन गुलाटी ने बताया कि 14 एकड़ जमीन को लेकर कई योजनाएं हैं. गंगा किनारे जल परिवहन, सिटी ट्रांसपोर्ट और रेलवे की उपयोगिता के आधार पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाएंगे. हालांकि अभी इसमें समय है.
मालवीय पुल के समानांतर बनेगा रेल-रोड ब्रिज
काशी स्टेशन पर यात्रियों को एयर कॉनकोर्स की सुविधा मिलेगी. कॉन्कोर्स वह स्थान होता है जहां रास्ते या सड़कें मिलती हैं, जैसे होटल , कन्वेंशन सेंटर , रेलवे स्टेशन , हवाई अड्डा टर्मिनल , हॉल या अन्य स्थान. कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब मालवीय पुल के समानांतर बनने वाले रेल-रोड ब्रिज की डिटेल डिजाइन तैयार की जा रही है. डिजाइन अप्रूव्ड होते ही टेंडर जारी होगा. इसे बनने में चार से पांच साल का समय लगेगा.
रेलवे बोर्ड ने साझा की जानकारी
यह बातें रेलवे बोर्ड इंफ्रा सदस्य नवीन गुलाटी ने बुधवार को कैंट स्टेशन पर पत्रकारों से कहीं. काशी स्टेशन पर विस्तारीकरण कार्य और रेल-रोड ब्रिज की साइड देखने के बाद कैंट स्टेशन पहुंचे सदस्य इंफ्रा ने बताया कि काशी स्टेशन को सिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है. कनेक्टिविटी में आने वाली बाधाओं को दूर कर लिया गया है. उन्होंने कैंट स्टेशन पर चल रहे विकास कार्यों का भी निरीक्षण किया. प्लेटफार्म एक से नौ के बीच बनने वाले 12 मीटर चौड़े एफओबी के बारे में डीआरएम एसएम शर्मा समेत अन्य अधिकारियों से जानकारी ली. इस दौरान चीफ ब्रिज इंजीनियर एसके सपरा, एडीआरएम लालजी चौधरी, सीपीएम राहुल श्रीवास्तव और स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता मौजूद रहे.