भारतीय दर्शक बदलाव के लिये तैयार : अलंकृता

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चर्चित फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ की निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव का कहना है कि फिल्म को मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए उन्हें मजबूती से विश्वास हो गया है कि भारतीय दर्शक बदलाव स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।

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महिला के लिये उम्मीद की किरण हैं 

अलंकृता श्रीवास्तव ने कहा, “सबसे अच्छी बात यह है कि पूरे देश में इतने सारे लोग आए और हमारी फिल्म देखी। आमतौर पर किसी बड़े बैनर से नहीं जुड़ी फिल्मों को इस प्रकार दर्शक नहीं मिलते। यह ऐसे सिनेमा और महिला उन्मुख फिल्मों के लिए उम्मीद की किरण है। मुझे लगता है कि देश और इसके विचारों की प्रक्रिया बदल रही है। अब हम नए प्रकार के सिनेमा को गले लगाने के लिए तैयार हो रहे हैं।

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पुरुषों के समान आजादी मिले

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की तरफ से फिल्म पर आई मुसीबतों के बारे में उन्होंने कहा, “सीबीएफसी का फैसला पूरी तरह गलत था। वे महिलाओं की आवाज को दबा रहे थे लेकिन ट्राइब्यूनल ने फैसला उलट दिया।

महिलाओ को  पुरुषों के समान ही आजादी मिले

मुझे लगता है कि हमें चाहिए कि महिलाओं को उनकी कहानियां बताने के लिए पुरुषों के समान आजादी मिले, लेकिन इस घटना से पता चलता है कि हमें हमारी समानता के लिए लड़ना होगा और यह हमें उपहार के रूप में नहीं मिलेगा।

लिंग समानता और स्वतंत्रता होनी चाहिए

उन्होंने कहा, “लिंग समानता और स्वतंत्रता, इन दोनों पहलुओं पर यह महत्वपूर्ण है कि हमारी फिल्म ने उस लड़ाई को जीत लिया।उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में व्हिस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल फिल्म स्कूल में फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग के दौरान यह बात कही।

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