भारत के लिये एक अच्छी खबर है. भारत निर्मित हथियार को रिकार्ड मात्रा में निर्यात किया गया है. मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाओं को इससे बल मिला है . हाल में ही देश का रक्षा निर्यात सबसे अधिक मात्रा में बढ़ा है. आजादी के बाद से पहली बार भारत का रक्षा निर्यात 21 हजार करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की इस उपलब्धि के बारे में बताया है. भारत वर्तमान में 84 देशों को अपने रक्षा उत्पाद बेच रहा है. भारत के हथियारों को सऊदी अरब, मिस्र, इजरायल, यूएई, पोलैंड, फिलीपींस, इटली, मालदीव, श्रीलंका सहित कई देश निर्यात कर रहे हैं.
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हथियारों के निर्यात में 32.5 प्रतिशत का इजाफा
भारत के हथियारों के निर्यात में पिछले वित्तीय वर्ष में 32.5 प्रतिशत का उछाल देखा गया है. भारत सरकार और विशेष तौर पर रक्षा मंत्रालय के अलावा इसे सफलता तक पहुंचाने में देश की बड़ी 50 कंपनियों ने अहम योगदान दिया है. इसमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, एचएएल, भारत डायनेमिक्स सहित कई कंपनियां हैं. इनके अहम योगदान के कारण भारत के हथियार रिकार्ड मात्रा में निर्यात किये जा रहे हैं. भारत ने जो निर्यात का रिकार्ड बनाया है वह वित्तीय वर्ष 2023-24 का है. इस वित्तीय वर्ष में भारत ने 21,083 करोड़ रुपए का रक्षा से संबंधित सामानों का निर्यात किया है.
पिछले 10 सालों में 300 गुना अधिक बढ़ा निर्यात
वित्तीय वर्ष 2013-14 में भारत के हथियारों का निर्यात केवल 686 करोड़ रुपये था. वहीं पिछले 10 सालों में इसमें रिकार्ड वृद्धि देखी गई है. हालांकि कोरोना काल में इसमें गिरावट देखी गई थी. कोरोना काल के बाद आत्मनिर्भर भारत ने इसकी वृद्धि में अहम भूमिका निभाई है. इससे जुड़ी एक सूची निम्न है –
वर्ष निर्यात (रुपये में )
2013-14 686
2014-15 1941
2015-16 2059
2016-17 1522
2017-18 4682
2018-19 10746
2019-20 9116
2020-21 8435
2021-22 12815
2022-23 15920
2023-24 21083
किन-किन उपकरणों का हो रहा है निर्यात
भारत मिसाइल विमान समेत कई हथियारों का निर्यात विभिन्न देशों को कर रहा है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने दिसंबर 2023 में कहा था कि वह स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के निर्यात के लिए छह देशों से बातचीत कर रही है. भारत हथियारों से लेकर डिफेंस इक्विपमेंट तक के उपकरण को निर्यात कर रहा है. इसमें डॉर्नियर-228 एयरक्राफ्ट, राडार, आर्म्ड व्हीकल्स, रॉकेट, रॉकेट लॉन्चर, अलार्म मॉनिटरिंग एंड कंट्रोल सिस्टम, फायर कंट्रोल सिस्टम, लाइटवेट टॉरपीडो और नाइट विजन मोनोकुलर एंड बाइकुलर शामिल है. इसके अलावा भारत हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो, कोस्टल सर्विलांस रडार समेत कई इक्विपमेंट भी एक्सपोर्ट कर रहा है.
गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि भारत दुनिया के 34 देशों को बुलेट प्रूफ जैकैट सप्लाई कर रहा है. इसमें जापान, इजराइल, ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील जैसे देश शामिल हैं. वहीं UAE, इंडोनेशिया, इजिप्ट और थाइलैंड समेत दुनिया के 10 देश भारत से गोला-बारूद खरीद रहे हैं. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस भारत से डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम खरीद रहे हैं. वहीं मॉरिशस को इंटरसेप्टर बोट एक्सपोर्ट की जा रही हैं. भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल (एसएएम) का निर्माण कर एशियाई देशों को एक्सपोर्ट करेगा. इसके अलावा 6,000 करोड़ रुपए की मेगा डिफेंस डील के तहत भारत आर्मेनिया को एंटी-एयर सिस्टम एक्सपोर्ट करने के लिए राजी हुआ है.
हथियारों का निर्यात करने वाले दुनिया के टॉप देश
दुनिया में हथियारों के निर्यात करने वालों की सूची में यूएसए का प्रथम स्थान है. अमेरिका करीब 240 बिलियन डॉलर के हथियारों का निर्यात करता है. शीर्ष हथियार निर्यातक देश की बात करें तो दुनिया के कुल निर्यात का (42%) संयुक्त राज्य अमेरिका का है. इसके बाद फ्रांस (11%), रूस (11%), चीन (5.8%), जर्मनी (5.6%), इटली (4.3%), यूके(3.7%), स्पेन (2.7%), इज़राइल (2.4%) और दक्षिण कोरिया (2%). भारत की उम्मीद होगी की वह भी शीर्ष 10 में स्थान हासिल करे.
हथियारों के आयात वाले देशों की सूची में शीर्ष पर भारत
बेशक भारत निर्मित हथियारों के निर्यात में इजाफा हुआ है. आजादी के 75 वर्षों बाद भारत हथियारों को आयात करने वाले देशों की सूची में प्रथम स्थान पर है. दुनिया के कुल आयात में (9.8%) हिस्सा, भारत का है. इसके बाद सऊदी अरब (8.4%), कतर (7.6%), यूक्रेन (4.9%), पाकिस्तान (4.3%), जापान (4.1%), मिस्र (4%), ऑस्ट्रेलिया (3.7%), दक्षिण कोरिया (3.1%) और चीन (2.9%) के साथ 10 वे स्थान पर है.
भारत को जल्द ही अपने आयात को कम करने की जरूरत है. वहीं इसके साथ भारत निर्मित हथियारों को अधिक से अधिक मात्रा में निर्यात करने की आवश्यक्ता है.