भारत ने लिया सबक…कंधार हाईजैक के बाद इतनी बदली एयरपोर्ट की सुरक्षा…
कंधार हाईजैक की यादें ताजा
नई दिल्ली: NetFlix पर आई अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज IC814 को लेकर इस समय बवाल मचा हुआ है. जिसको लेकर अब पूरे देश में बहस बढ़ती जा रही है. यहाँ तक की यह मामला अब सूचना प्रसारण मंत्रालय से लेकर हाईकोर्ट तक पहुँच गया है. इतना ही नहीं इस विवाद ने एक बार फिर अटल सरकार के दौरान हुए कंधार हाईजैक की यादें ताजा कर दी है.
24 दिसंबर 1999 को हुई थी घटना…
गौरतलब है कि कंधार हाईजैक की घटना अटल सरकार में 24 दिसंबर 1999 को हुई थी. जिसने पूरे देश को हिला दिया था. प्लेन ने नेपाल के काठमांडू स्थित त्रिभुवन एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी. उसी समय इसी तालिबानी चरमपंथियों ने इसे हाईजैक कर लिया था. काफी जद्दोजहद के बाद भारत ने तीन आतंकियों को रिहा किया था और उसके बदले में यात्रीयों को छोडा गया था. इस घटना ने एयरपोर्ट की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए, जिसके बाद एयरपोर्ट की सुरक्षा में अब अहम बदलाव हुए…
जानें पहले कैसी थी सुरक्षा…
अयोध्या एयरपोर्ट के अधिकारी नियोगी जयंतो ने बताया कि बदलते परिवेश में भारत के सभी एयरपोर्ट की सुरक्षा काफी मजबूत हुई है. Journalist Cafe से बातचीत में उन्होंने बताया कि कंधार हाईजैक और उससे पहले एयरपोर्ट पर कोई खास सुरक्षा नहीं थी. यात्री सामान्य रूप से बड़ी आसानी से आ जा सकते थे. सुरक्षा के लिहाज से राज्य पुलिस का कर्मचारी और एयरपोर्ट अथॉरिटी के कर्मचारी तैनात होते थे.
कंधार हादसे के बाद CISF ने संभाली कमान…
बता दें कि, कंधार हाईजैक हादसे के बाद देश के बड़े एयरपोर्ट्स सुरक्षा की जिम्मेदारी BCAS ( ब्यूरो ऑफ़ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के पास है. घटना के बाद सभी एयरपोर्ट्स की सुरक्षा CISF यानी केद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल संभाल रही है. वहीँ, एयरपोर्ट में यात्रिओं की बढ़ती संख्या के बीच सुरक्षा के लिए प्राइवेट सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं.जबकि बहरी सुरक्षा पूरी तरह CISF के हाथ है.
एयरपोर्ट सुरक्षा में तैनात हुई थी प्राइवेट सिक्योरिटी…
बता दें कि, देश में कंधार हाईजैक के बाद साल 2002 में यानि घटना के तीन साल बाद एयरपोर्ट की सुरक्षा में प्राइवेट सिक्योरिटी को तैनात किया गया था. लेकिन उसके बाद भी सिक्योरिटी को लेकर कई सवाल खड़े हुए जिसके बाद एयरपोर्ट ऑथिरिटी ने अपने कर्मचारी और सुरक्षा के इंतजाम खुद किए और साथ में CISF को भी सुरक्षा के लिए साथ लगाया.
पायलट ने उठाए थे सुरक्षा पर सवाल…
ANI की एक रिपोर्ट की मुताबिक, कंधार हाईजैक के बाद पायलट ने कई बार एयरपोर्ट सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा कि जब प्लेन अमृतसर में लैंड हुआ था तब एयरपोर्ट की सुरक्षा राज्य पुलिसकर्मियों के हाथ में थी और इसके बाद भी वह असहाय थे. जब तक दिल्ली के कमांडो की टीम उड़ान भरी तब तक हाईजैकर्स विमान को पाकिस्तान के लाहौर ले जा चुके थे. इतना ही नहीं यदि उस समय एयरपोर्ट में कोई प्रोफेशनल फोर्स तैनात होती तो इस हादसे को रोका जा सकता था.
वर्तमान में कैसी है एयरपोर्ट की सुरक्षा…
मिनिस्ट्री ऑफ़ सिविल एविएशन के मुताबिक, देश के 152 एयरपोर्ट्स में 64 एयरपोर्ट्स की सुरक्षा CISF का एविएशन ग्रुप संभाल रहा है. बाकि एयरपोर्टों की सुरक्षा राज्य पुलिस या इंडिया रिज़र्व बटालियन संभाल रही है. यह भी कहा जा रहा है कि एयरपोर्ट की सुरक्षा को लेकर लगातार अपग्रेड किया जा रहा है.
सुरक्षा के लिए एयरपोर्ट में लग रहे आधुनिक उपकरण…
बता दें कि, अब आधुनिकता के दौर में एयरपोर्टों को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है. इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर फुल बॉडी स्कैनर लगाए गए है. साथ ही एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी इंफ़्रास्ट्रक्टर को बेहतर बनाने के लिए कंप्यूटर टेमोग्राफी सिस्टम लगाए गए है. साथ ही अब देश के 48 एयरपोर्ट पर बायोमेट्रिक सेंट्रललाइज एक्सेस कण्ट्रोल सिस्टम शुरू हो गया है.
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क्या हुआ था समझौता…
बता दें कि, प्लेन में फंसे यात्रिओं को छोड़ने के लिए तालिबानियों ने भारत की जेल में बंद 35 आतंकियों और 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मांग कर रहे थे लेकिन देश में अटल सरकार इसे मानने के लिए तैयार नहीं हुई जिसके बाद तालिबानियों ने 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मांग को ठुकरा दिया और सभी आतंकियों को रिहा करने की बात करने लगा लेकिन भारत ने इसे भी नहीं मन और बाद में अटल सरकार तीन आतंकियों को छोड़ने के लिए राजी हुई जिसमें मसूद अजहर ,अहमद जरगर और शेख अहमद उमर सईद शामिल थे.