भारत ने रचा स्वर्णिम इतिहास, सफल रहा पहले निजी रॉकेट विक्रम-S का प्रक्षेपण
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)ने शुक्रवार को स्वर्णिम इतिहास रचते हुए ‘प्रारंभ’ नाम के देश के पहले निजी रॉकेट विक्रम-S का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। ‘प्रारंभ’ ने तीन घंटे की उल्टी गिनती के बाद यहां से 11 बजकर 30 मिनट पर सफल उड़ान भरी। हैदराबाद स्थित स्काईरूट एयरोस्पेस कंपनी ने इस रॉकेट को तैयार किया है।
Ascent of @SkyrootA's Vikram-S launcher today from Sriharikota #MissionPrarambh pic.twitter.com/ysXWA61FgB
— ISRO (@isro) November 18, 2022
545 किलोग्राम वजनी, ठोस ईंधन से संचालत और छह मीटर लंबे सबऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल को साउंड रॉकेट लॉन्च से छोड़ा गया। तीन पेलोड वाले इस रॉकेट के सफल प्रक्षेपण से भारत ने अंतरिक्ष में एक और लंबी छंलाग लगायी है। ‘स्काईरूट एयरोस्पेस’ने ट्वीट किया था, ‘‘दिल की धड़कनें तेज हो गई हैं। सभी की निगाहें आसमान की ओर हैं। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि देते हुए इस रॉकेट का नाम ‘विक्रम-S’ रखा गया है।
इसरो ने विक्रम-S को चेन्नई से लगभग 115 किलोमीटर दूर यहां अपने स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया। एक नई शुरुआत के प्रतीक के रूप में इस मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया है। यह देश के अंतरिक्ष उद्योग में निजी क्षेत्र के प्रवेश को दर्शाएगा जिस पर दशकों से सरकारी स्वामित्व वाले इसरो का प्रभुत्व रहा है।
WATCH | Launch of Vikram-S Prarambh Skyroot Mission from Satish Dhawan Space Centre (SDSC-SHAR), Sriharikota pic.twitter.com/VqvzYKZzHk
— Prasar Bharati News Services & Digital Platform (@PBNS_India) November 18, 2022
स्काईरूट एयरोस्पेस भारत की पहली ऐसी निजी क्षेत्र की कंपनी बन गई है जो 2020 में केंद्र सरकार द्वारा अंतरिक्ष उद्योग को निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने के बाद भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में कदम रख रही है। विक्रम-S सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किए जाने के बाद 81 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचेगा। इस मिशन में दो घरेलू और एक विदेशी ग्राहक के तीन पेलोड को ले जाया जाएगा।
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