आजादी के 70 साल : सरकार के सामने ये बड़ी चुनौतियां

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भारत देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुए 70 साल बीत चुके  हैं, और इन 70 सालों में देश ने हर क्षेत्र में उन्नति की है लेकिन उसके बाद भी हमारे देश में कुछ ऐसी चुनौतियां है जो सरकार के लिए किसी महामारी से कम नहीं है। सरकार के सामने आज गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, आतंकवाद जैसी गंभीर समस्याएं हैं जिनसे निपटने के लिए सरकार के साथ ही देश की जनता को भी सरकार के साथ मिलकर काम करने की जरुरत है। क्योंकि जबतक इन चुनोतियों से निपटा नहीं जाएगा तब तक देश विकास के रास्ते पर अपनी रफ्तार नहीं पकड़ेगा।

आतंकवाद

देश के सामने आतंकवाद एक ऐसी समस्या बन गया है जिससे निपटने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने की जरुरत है। आए दिन देश आतंकवादी हमलों को झेलता है और सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है। इस चुनौती  से निपटने के लिए सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव करने के साथ ही खुफिया तंत्र को भी मजबूत करने की जरुरत है।

भ्रष्टाचार

हमारे देश के सिस्टम में भ्रष्टाचार नहीं है बल्कि भ्रष्टाचार में सिस्टम है। देश के लोकतंत्र में फैला ये भ्रष्टाचार देश को खोखला कर रहा है। नीचे से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार की पूरी चेन है जो देश को लूटने और रिश्वतखोरी में जुटी हुई है। किसी भी काम को कराने के लिए जब तक बाबुओं को आप नोट नहीं दिखाते हैं तब तक आप का काम नहीं होता है। सिस्टम में  भाई-भतीजावाद भी इस कदर हावी हो चुका है कि पूरे तंत्र को खोखला बना रहा है।

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बेरोजगारी

भारत को आजाद हुए 70 साल बीत तो गए हैं लेकिन बेरोजगारी की समस्या जस की तस बनीं हुई है। जिनके पास शिक्षा है उनके लिए नौकरी नहीं है और जो अनपढ़ है उनके पास भी कमाने का कोई जरिया नहीं है। देश का आर्थिक विकास बहुत ही धीमी रफ्तार से चल रहा है जिसकी वजह से बेरोजगारी की समस्या बनीं हुई है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल के 1.77करोड़ लोग बेरोजगारों के मुकाबले इस साल ये आंकड़ा 1.8 करोड़ हो सकता है। अगर प्रतिशत की बात करें तो साल 2017-18 में ये 3.4 प्रतिशत रहेगी।

शिक्षा

देश की शिक्षा व्यवस्था इतनी लचर है कि सरकारी स्कूलों के लिए सरकार तमाम योजनाएं चला रही है लेकिन उसके बाद भी स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। सरकारी स्कूलों की स्थिति न सुधरने की वजह से कोई भी अपने बच्चों को वहां नहीं पढ़ाना चाहता है। शिक्षा का स्तर हमारे देश में बहुत ही गिरा हुआ है, गरीब परिवार के बच्चे पढ़ना नहीं चाहते हैं क्योंकि उन्हें पढ़ने से ज्यादा कमाने के लिए कहा जाता है। कहते हैं कि देश का भविष्य देश के नौनिहाल होते हैं लेकिन जब नौनिहालों का भविष्य नहीं सुधरेगा तो देश का भविष्य कैसे सुधरेगा।

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ड्रग्स तस्करी

हमारे देश में अब नशे का कारोबार बहुत ही तेजी के साथ फल-फूल रहा है। देश में ड्रग्स तस्करी अपने चरम सीमा पर पहुंच चुका है। इससे देश के नौजवानों पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। देश के पंजाब राज्य में ड्रग्स की लत सबसे ज्यादा लोगों को है। पंजाब में करीब 8.6 लाख लोग इसके चपेट में आ चुके हैं। आप को जानकर हैरानी होगी कि पिछले पांच सालों में करीब 6 हजार करोड़ से ज्यादा की ड्रग्स पकड़ी गई है। ऐसे में सरकार को इस नशे की महामारी से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने की जरुरत है।

साइबर क्राइम

देश में तेजी से डिजिटलीकरण हो रहा है, साथ ही सरकार भी इसको बढ़ावा दे रही है। लेकिन सूचना की इस क्रांति और डिजिटलीकरण के इस दौर में जितनी तेजी से ये बढ़ रहा है उतनी ही तेजी से साइबर पराध भी बढ़ रहा है ऐसे में सरकार को इन अपराधों से निपटने के लिए सख्त कानून बनाने की जरुरत है और जितना हो सके साइबर सुरक्षा को पुख्ता किया जाए।

स्वास्थ्य सेवाएं

देश की आबादी का एक बड़ा तबका गांव में निवास करती है ऐसे में वहां पर जीने के लिए बुनियादी सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। साथ ही अगर बात करें स्वास्थ्य सेवाओं की तो इस मामले में हम बहुत ही पीछे हैं हमारे देश में स्वास्थ्य सेवाओं का अभी भी बुरा हाल है। हांलाकि सरकार इसके लिए सजग है और आए दिन इस क्षेत्र में सुधार कर रही है।

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